News : अगर आप ट्रेन से सफर करने की योजना बना रहे हैं तो यह खबर आपके लिए अहम है। जुलाई 2025 से भारतीय रेल यात्रा महंगी हो सकती है।
रेलवे मंत्रालय यात्रियों पर अतिरिक्त बोझ डालने की तैयारी में है और जल्द ही किराए में बढ़ोतरी की घोषणा हो सकती है। ये कदम ईंधन की कीमतों, परिचालन लागत और सुधारात्मक परियोजनाओं की लागत को देखते हुए उठाया जा रहा है।
News : किराया बढ़ोतरी की संभावनाएं क्यों?
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक डीजल और बिजली की लागत में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। इसके अलावा, नई ट्रेनों के संचालन, स्टेशनों के आधुनिकीकरण, सुरक्षा व्यवस्था में सुधार और ट्रैक रखरखाव जैसे कई कारणों से रेलवे का खर्च काफी बढ़ चुका है। इसे संतुलित करने के लिए सरकार अब यात्री किराए में मामूली बढ़ोतरी करने पर विचार कर रही है।
News : किन ट्रेनों पर पड़ेगा असर?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह बढ़ोतरी सभी श्रेणियों की ट्रेनों पर लागू हो सकती है। इसमें मेल/एक्सप्रेस, सुपरफास्ट, राजधानी, शताब्दी, दुरंतो और वंदे भारत जैसी ट्रेनों के किराए शामिल होंगे।
वहीं, जनरल कोच का किराया भी प्रभावित हो सकता है लेकिन संभव है कि गरीब यात्रियों पर असर कम करने के लिए सब्सिडी बनी रहे।
News : बढ़ोतरी का अनुमान कितना?
सूत्रों की मानें तो किराए में औसतन 5% से 10% तक की वृद्धि हो सकती है। हालांकि, अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय और रेलवे बोर्ड की संयुक्त बैठक के बाद लिया जाएगा। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि लंबी दूरी की यात्रा और एसी कोच के किराए में अधिक वृद्धि देखी जा सकती है।
इस प्रस्ताव के लागू होते ही आम यात्रियों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। पहले से ही महंगाई की मार झेल रही जनता के लिए यह एक और बोझ साबित हो सकता है। खासकर वे यात्री जो रोजाना या महीने में कई बार यात्रा करते हैं, उन्हें अतिरिक्त खर्च का सामना करना पड़ेगा।
News : रेलवे का तर्क क्या है?
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि किराए में यह वृद्धि एक आवश्यक कदम है जिससे कि रेलवे अपनी सेवाएं बेहतर बना सके।
नई वंदे भारत ट्रेनों के संचालन, बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट, और स्टेशन पुनर्विकास योजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए फंडिंग जरूरी है। इसके लिए एक स्थायी और आर्थिक रूप से मजबूत व्यवस्था की आवश्यकता है।
News : राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
विपक्षी दलों ने संभावित किराया वृद्धि को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना शुरू कर दी है। कांग्रेस और अन्य दलों का कहना है कि सरकार जनता पर महंगाई का बोझ बढ़ा रही है और रेलवे जैसी जनसेवा को भी मुनाफे का जरिया बना रही है।
वहीं, सरकार का तर्क है कि रेलवे के आधुनिकीकरण और यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं देने के लिए आर्थिक संतुलन जरूरी है।
News : क्या कहता है रेलवे मंत्रालय?
रेलवे मंत्रालय ने अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है लेकिन अधिकारियों के अनुसार इस पर गंभीर विचार-विमर्श जारी है और जुलाई के पहले सप्ताह तक अंतिम निर्णय सामने आ सकता है। एक बार कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही नई दरें लागू कर दी जाएंगी।
अगर आप आने वाले महीनों में ट्रेन यात्रा की योजना बना रहे हैं तो आपको अतिरिक्त बजट का ध्यान रखना होगा। सरकार की मंशा रेलवे को आत्मनिर्भर और आधुनिक बनाने की है, लेकिन इसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ना तय है। ऐसे में यात्रियों को जल्द ही यह तय करना होगा कि वे आने वाले दिनों में कितना खर्च उठाने को तैयार हैं।
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