आगरा विकास प्राधिकरण में बड़ा एक्शन: 20% कमीशनखोरी के आरोप में एई आदर्श कुमार जैन पद से हटाए गए
आगरा। अवस्थापना निधि के टेंडर में 20% कमीशन मांगने के आरोप में फंसे सहायक अभियंता (एई) आदर्श कुमार जैन पर कार्रवाई की गई है। आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) के उपाध्यक्ष एम. अरुन्मोली ने उन्हें पद से हटा दिया है। साथ ही, अधिशासी अभियंता (सिविल) का कार्यभार भी उनसे वापस लेकर अनिल कुमार को सौंप दिया गया है।
वीडियो के बाद कार्रवाई
जयपुर हाउस स्थित एडीए कार्यालय में एई आदर्श कुमार जैन के कमीशन की डिमांड और टेंडर मैनेज करने की बातचीत के वीडियो के बाद एडीए उपाध्यक्ष ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा है, फिलहाल उनके सभी पदभार वापस ले लिए गए हैं और पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
अवस्थापना निधि का टेंडर विवादों में
जिस टेंडर को लेकर यह विवाद खड़ा हुआ है, वह अवस्थापना निधि से संबंधित है। इसमें सड़क निर्माण और अन्य सिविल कार्य प्रस्तावित थे। वहीं, एई आदर्श कुमार ने वीडियो को पुराना और एडिटेड बताया है। उपाध्यक्ष का कहना है कि उनके अब तक किए गए कार्यों की भी जांच कराई जाएगी।
गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल
एडीए के कई प्रोजेक्ट्स की गुणवत्ता पहले भी सवालों के घेरे में रही है।
- ताजगंज मोक्षधाम में 2.50 करोड़ की लागत से बनी दीवार मात्र दो साल में ढह गई।
- वायु विहार में पांच करोड़ की लागत से बनी सड़क एक महीने में ही धंस गई।
- मॉडल रोड, विद्युत और अन्य सिविल कार्यों की गुणवत्ता पर भी लगातार सवाल उठते रहे हैं।
जनप्रहरी संस्था के संयोजक नरोत्तम सिंह का कहना है कि एडीए में भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर है। अवैध निर्माणों को संरक्षण देने से लेकर वसूली तक, एई से लेकर एक्सईएन स्तर तक के अधिकारियों पर संलिप्तता के आरोप लगते रहे हैं।
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