सुप्रीम कोर्ट में वकील ने CJI बीआर गवई पर हमला करने की कोशिश, सुरक्षा कर्मियों ने रोका
नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी अदालत में सोमवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट रूम नंबर 1 में भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) बीआर गवई पर कथित तौर पर हमला करने की कोशिश की। यह अभूतपूर्व और चौंकाने वाली घटना उस वक्त घटी जब अदालत की कार्यवाही शुरू होने वाली थी।
क्या हुआ कोर्ट में?
प्रत्यक्षदर्शियों और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जैसे ही कोर्ट रूम नंबर 1 में कार्यवाही शुरू होने वाली थी, एक वकील ने अचानक अदालत में अनुशासन और मर्यादा को तोड़ते हुए CJI बीआर गवई की ओर कुछ फेंकने का प्रयास किया। यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि फेंका गया वस्तु क्या था, लेकिन माना जा रहा है कि उसका उद्देश्य मुख्य न्यायाधीश को निशाना बनाना था।
हालांकि, कोर्ट में तैनात सुरक्षाकर्मियों की सतर्कता से बड़ा हादसा टल गया। उन्होंने तुरंत उस वकील को पकड़ लिया और कोर्ट रूम से बाहर ले गए। इस पूरे घटनाक्रम के बावजूद, कुछ ही मिनटों में अदालत की कार्यवाही फिर से सुचारु रूप से शुरू हो गई।
CJI बीआर गवई की शांत प्रतिक्रिया
इस हमले की कोशिश पर मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने बेहद संयमित और मजबूत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा: "ऐसी बातें मुझे प्रभावित नहीं करतीं।" इस संक्षिप्त लेकिन सशक्त बयान से उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि ऐसी घटनाएं उन्हें अपने कर्तव्यों से डिगा नहीं सकतीं और वे अपने न्यायिक कार्य में पूरी निष्ठा और आत्मबल के साथ डटे रहेंगे।
SCORA की कड़ी प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCORA) ने एक आधिकारिक पत्र जारी कर इस कृत्य की कड़ी निंदा की है।
पत्र में लिखा गया:"यह व्यवहार कानूनी पेशे की गरिमा, मर्यादा, अनुशासन और संस्थागत अखंडता के संवैधानिक मूल्यों के विरुद्ध है।" SCORA ने यह भी कहा कि न्यायपालिका के किसी भी कार्यरत न्यायाधीश को बदनाम करने या उनके खिलाफ किसी प्रकार की व्यक्तिगत अभिव्यक्ति न केवल निंदनीय है, बल्कि यह भारत की न्यायिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। यह न्याय व्यवस्था में जनता के विश्वास को कमजोर करता है।
सोशल मीडिया और लॉ कम्युनिटी में हलचल
घटना के बाद से सोशल मीडिया पर यह मुद्दा ट्रेंड करने लगा। कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं, पूर्व न्यायाधीशों और कानूनी विशेषज्ञों ने इस घटना को लोकतंत्र और न्याय प्रणाली की संवैधानिक गरिमा के खिलाफ बताया है।लोगों की यह मांग भी सामने आई है कि संबंधित वकील के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए और भविष्य में सुप्रीम कोर्ट परिसर में सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत की जाए।
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