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ADA में भ्रष्टाचार का बोलबाला: इंजीनियर आदर्श जैन पर 20% कमीशन वसूलने का आरोप

आगरा: एक ओर केंद्र की मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार पर “ज़ीरो टॉलरेंस” की नीति का दावा करती रही हैं, वहीं दूसरी ओर सरकारी विभागों में रिश्वतखोरी का खेल धड़ल्ले से जारी है। ताजा मामला सामने आया है आगरा डेवलपमेंट अथॉरिटी (ADA) से, जहाँ इंजीनियर स्तर के अधिकारियों पर खुलेआम कमीशनखोरी के गंभीर आरोप लगे हैं।

आदर्श जैन, जो कि ADA में असिस्टेंट इंजीनियर (AE) हैं और इस समय कार्यकारी अभियंता (EXEN) का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रहे हैं, टेंडर आवंटन से लेकर रनिंग बिल पास करवाने तक हर स्तर पर 20% कमीशन की मांग करते हैं।

 

जानकारी यह भी मिली है कि निर्माण कार्यों, सौंदर्यीकरण और सड़क निर्माण से जुड़े टेंडरों में यह कमीशनखोरी आम बात बन चुकी है। ठेकेदार और काम कराने वाले लोग इस अवैध वसूली से परेशान हैं, लेकिन सरकारी दबाव और तंत्र में फैले डर के कारण कोई भी खुलकर सामने नहीं आ रहा।

सरकार के दावों पर सवाल

भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए सरकार ने एंटी करप्शन पोर्टल, शिकायत प्रणाली और सतर्कता विभाग जैसे कई उपाय लागू किए हैं। बावजूद इसके, ADA जैसे अहम विभागों में खुलेआम घूसखोरी होने पर सरकार की “ज़ीरो टॉलरेंस” नीति पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

जनता का सवाल

स्थानीय लोगों और ठेकेदारों का कहना है कि अगर सरकार का दावा सच होता, तो अधिकारियों को इतनी खुली छूट कैसे मिलती? क्या भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई केवल कागजों तक सीमित है?

 

नेशन वन की टीम ने इस पूरे मामले को प्रमुखता से उठाते हुए सवाल किया है —

👉 क्या सरकार वास्तव में अपने ही सिस्टम पर नियंत्रण खो चुकी है?

👉 या फिर “ज़ीरो टॉलरेंस” सिर्फ़ चुनावी नारा भर है?

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