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Uttarakhand : अतिक्रमण रोकने के लिए धामी सरकार करने जा रही यह काम, पढ़ें!

Uttarakhand : उत्तराखंड सरकार राज्य में अतिक्रमण की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए एक अभिनव और प्रभावी तरीका अपनाने जा रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में घोषणा की है कि सरकार जल्द ही एक मोबाइल एप्लिकेशन (ऐप) लॉन्च करेगी, जिसके माध्यम से नदियों और बरसाती नालों के आसपास होने वाले अवैध कब्जों की पहचान और रोकथाम की जा सकेगी।

इस कदम को उत्तराखंड के धारली में आई हाल की आपदा के बाद, सरकार की सख्त प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।

Uttarakhand : ऐप के माध्यम से अतिक्रमण की पहचान और रोकथाम

इस नए ऐप का उद्देश्य आम जनता और प्रशासन दोनों को अवैध अतिक्रमण की जानकारी साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। उपयोगकर्ता इस ऐप के जरिए उन जगहों की तस्वीरें और वीडियो अपलोड कर सकेंगे, जहां नदियों और बरसाती नालों के किनारे अवैध निर्माण या कब्जा किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री धामी ने इस ऐप की प्रभावशीलता पर जोर देते हुए कहा, "इस ऐप के माध्यम से हम उन सभी अतिक्रमणकारियों को उखाड़ फेंकेंगे, जो नदियों और बरसाती नालों के पास अवैध कब्जा करते हैं।" यह ऐप सरकार को जमीनी स्तर पर अतिक्रमण की स्थिति का वास्तविक समय में मूल्यांकन करने में मदद करेगा, जिससे त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित हो सकेगी।

Uttarakhand : अधिकारियों की जवाबदेही तय

ऐप के लॉन्च के साथ-साथ, मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों की जवाबदेही को भी सख्ती से तय किया है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अगर किसी भी पटवारी, तहसीलदार या एसडीएम के कार्यकाल में नदी या बरसाती नाले के पास कोई नया अतिक्रमण होता है, तो उसकी सीधी जिम्मेदारी उन अधिकारियों की होगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी साफ कर दिया कि तबादले होने पर भी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं पाएंगे। उनके कार्यकाल के दौरान हुए अतिक्रमण के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह सख्त कदम अधिकारियों को अपने कर्तव्यों के प्रति अधिक सतर्क और जिम्मेदार बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

Uttarakhand : धारली आपदा के बाद सरकार की सख्त कार्रवाई

उत्तराखंड के धारली में आई हालिया आपदा ने राज्य सरकार को नदियों और बरसाती नालों के पास होने वाले अतिक्रमण के खतरों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील बना दिया है। इस आपदा के बाद यह स्पष्ट हो गया कि नदी-नालों के प्राकृतिक बहाव मार्गों पर किया गया अतिक्रमण बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाओं को और अधिक घातक बना देता है। सरकार अब एक बड़े अभियान की शुरुआत करने जा रही है, जिसका उद्देश्य इन संवेदनशील क्षेत्रों से सभी अवैध बस्तियों और निर्माणों को हटाना है।

यह नया ऐप इस अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा। सरकार का मानना है कि केवल प्रशासनिक कार्रवाई ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि इसमें जनता की भागीदारी भी जरूरी है। ऐप के जरिए नागरिक सीधे तौर पर सरकार को सूचित कर पाएंगे, जिससे कार्रवाई में तेजी आएगी।

यह पहल न केवल अतिक्रमण पर अंकुश लगाएगी, बल्कि भविष्य में होने वाली प्राकृतिक आपदाओं के जोखिम को भी कम करेगी। सरकार का लक्ष्य है कि इस ऐप के माध्यम से एक पारदर्शी और प्रभावी प्रणाली स्थापित की जाए, जो उत्तराखंड के प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा कर सके और राज्य के निवासियों को सुरक्षित रख सके।

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