UP : जनता दरबार में सीएम योगी का अनोखा अंदाज, छोटे बच्चों को किया लाड़ दुलार!

UP : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां एक ओर प्रशासनिक सख्ती और अनुशासन के लिए जाने जाते हैं, वहीं दूसरी ओर गोरखपुर में हाल ही में आयोजित जनता दरबार में उनका एक बेहद भावुक और मानवीय चेहरा देखने को मिला। इस मौके पर उन्होंने छोटे बच्चों के साथ जिस आत्मीयता से व्यवहार किया, वह लोगों के दिल को छू गया।

UP : जनता दरबार में सैकड़ों लोग पहुंचे अपनी फरियाद लेकर

गोरखनाथ मंदिर परिसर में आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम में सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग अपने दुख-दर्द और समस्याएं लेकर पहुंचे थे। मुख्यमंत्री ने स्वयं हर व्यक्ति की बात ध्यान से सुनी और मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी समस्याओं का समाधान तय समय सीमा में किया जाए। जमीन विवाद, पेंशन, इलाज और रोजगार से जुड़ी कई समस्याएं उनके सामने रखी गईं।

UP : बच्ची को देख मुस्कराए सीएम, किया स्नेह से बात

इसी दौरान एक महिला अपनी नन्हीं बच्ची के साथ मुख्यमंत्री से मिलने पहुंची। मुख्यमंत्री ने बच्ची को देखा तो उनका चेहरा खिल उठा। उन्होंने बच्ची से नाम और क्लास पूछा, लेकिन जब बच्ची थोड़ी झिझकी, तो मुख्यमंत्री ने बड़े ही स्नेहिल अंदाज़ में कहा, “अरे किस क्लास में पढ़ती हो? दो, चार या आठ?” यह हल्के-फुल्के लहजे में की गई बातचीत वहां मौजूद सभी लोगों के चेहरे पर मुस्कान ले आई।

UP : बच्ची को चॉकलेट दी, गोद में उठाकर किया दुलार

इसके बाद मुख्यमंत्री ने बच्ची को गोद में उठाया और जेब से निकालकर उसे चॉकलेट दी। उन्होंने उसका माथा चूमा और दुलार से उसके सिर पर हाथ फेरा। बच्ची की मुस्कान और मुख्यमंत्री का यह व्यवहार वहां मौजूद हर शख्स को भावुक कर गया। यह दृश्य कैमरे में कैद हो गया और बाद में सोशल मीडिया पर जमकर वायरल भी हुआ।

UP : सख्त नेता के भीतर छिपी भावनात्मकता

सीएम योगी आमतौर पर एक अनुशासित और कड़े फैसलों के लिए पहचाने जाते हैं, लेकिन गोरखपुर में जनता से संवाद के दौरान जिस सादगी और प्रेमभाव का प्रदर्शन उन्होंने किया, उसने उनके व्यक्तित्व का एक अलग ही पहलू उजागर किया। छोटे बच्चों के प्रति उनका यह व्यवहार दर्शाता है कि वे न सिर्फ एक प्रशासक हैं, बल्कि संवेदनशील इंसान भी हैं।

UP : समस्याओं के प्रति गंभीर, पर व्यवहार में आत्मीयता

मुख्यमंत्री ने जनता से साफ कहा कि किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है, हर समस्या का समाधान जरूर किया जाएगा। उन्होंने अफसरों से कहा कि किसी भी मामले में कोताही न बरती जाए। इलाज और मदद के लिए कुछ पीड़ितों को मौके पर ही सहायता पत्र भी दिए गए। यह दिखाता है कि प्रशासनिक कड़ाई के साथ-साथ वे आम नागरिकों की जरूरतों के प्रति भी पूरी तरह गंभीर हैं।

UP : योगी आदित्यनाथ की छवि में नया आयाम

गोरखपुर का यह जनता दरबार इसलिए भी खास बन गया क्योंकि यहां मुख्यमंत्री सिर्फ एक नेता की तरह नहीं, बल्कि एक मार्गदर्शक, एक अभिभावक की भूमिका में नजर आए। बच्चों के साथ उनका यह आत्मीय व्यवहार इस बात का प्रमाण है कि वे राज्य के विकास और व्यवस्था के साथ-साथ जनसंपर्क और मानवीय रिश्तों को भी उतना ही महत्व देते हैं।

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