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News : 14 साल बाद फिर दहशत में रूस और जापान, बढ़ा सुनामी का खतरा!

News : रूस के कामचटका प्रायद्वीप में आए 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने एक बार फिर रूस और जापान को दहशत में डाल दिया है. 14 साल बाद आए इस भूकंप के झटकों ने प्रशांत क्षेत्र में सुनामी का खतरा बढ़ा दिया है, जिससे अमेरिका के हवाई द्वीप समूह में भी अलर्ट जारी किया गया है. हवाई की राजधानी होनोलूलू में सुनामी की चेतावनी के सायरन बज उठे और लोगों को सुरक्षित ऊंचे स्थानों पर जाने की सलाह दी गई.

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने पुष्टि की है कि सुनामी की पहली लहर, जिसकी ऊंचाई लगभग 30 सेंटीमीटर थी, होक्काइडो के पूर्वी तट पर स्थित नेमुरो तक पहुंच गई है.

भूकंप का केंद्र रूसी शहर पेत्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की से लगभग 119 किलोमीटर दूर था, जिसकी आबादी 1,80,000 है. यह घटना उन क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से चिंताजनक है जो पहले भी भूकंप और सुनामी की विनाशकारी शक्ति का अनुभव कर चुके हैं.

News : जापान का भयानक अतीत: 2011 की तबाही की यादें

जापान, जो सालाना 1000 से अधिक छोटे-बड़े भूकंपों का अनुभव करता है, के लिए भूकंप कोई नई बात नहीं है. हालांकि, 11 मार्च 2011 को तोहोकु (सेंडाइ) में आया 9.0 से 9.1 तीव्रता का भूकंप और उसके बाद आई सुनामी की भयावहता को शायद ही कोई भूल पाएगा.

यह जापान के इतिहास का सबसे विनाशकारी भूकंप था, जिसने 40.5 मीटर तक ऊंची सुनामी लहरें पैदा कीं जो तट से 10 किलोमीटर अंदर तक पहुंच गईं. इस आपदा के कारण फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में रिसाव भी हुआ, जिससे पर्यावरण और जनजीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ा. इस त्रासदी में लगभग 19,759 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 6,242 घायल हुए और 2,553 लोग लापता हो गए थे.

हाल ही में, पिछले साल 1 जनवरी को भी जापान में 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 318 लोगों की जान गई और 1,300 से अधिक घायल हुए थे. इसके अलावा, 2004 में इंडोनेशिया के सुमात्रा के पास आए 9.1 से 9.3 तीव्रता के भूकंप ने भी जापान को काफी हद तक प्रभावित किया था, जिससे 1,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. ये घटनाएं दर्शाती हैं कि जापान लगातार भूकंपीय गतिविधियों के खतरे में है और ऐसी किसी भी घटना के लिए हमेशा तैयार रहना पड़ता है.

News : कामचटका का 73 साल बाद का शक्तिशाली भूकंप

रूस के कामचटका प्रायद्वीप में आया यह भूकंप 73 साल बाद दूसरा सबसे शक्तिशाली भूकंप है. इससे पहले, 4 नवंबर 1952 को कामचटका में 9.0 तीव्रता का एक भूकंप आया था, जिसे रूस के इतिहास का सबसे भयंकर तूफान माना गया था.

उस समय, भूकंप के कारण 9.1 मीटर तक की सुनामी लहरें उठी थीं, जिसने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई थी और कई लोगों की जान ले ली थी. उसके बाद भी रूस में कई भूकंप के झटके आए हैं, जिनमें बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है और संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है.

वर्तमान भूकंप की तीव्रता और इसके संभावित सुनामी प्रभाव को देखते हुए, रूस और जापान दोनों ही हाई अलर्ट पर हैं. अधिकारियों द्वारा जारी की गई चेतावनियां और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश इस बात का संकेत देते हैं कि इन देशों में आपदा प्रबंधन टीमें पूरी तरह से सक्रिय हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. हवाई में भी अलर्ट जारी होने से यह स्पष्ट है कि प्रशांत महासागर के किनारे स्थित देशों के लिए सुनामी का खतरा एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है.

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