पीएम मोदी ने किया पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन: सीमांचल और कोसी के 7 जिलों को मिलेगा सीधा फायदा, उद्योग-व्यापार और रोजगार को मिलेगी नई उड़ान
पूर्णिया (बिहार): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार के पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन किया। इस एयरपोर्ट का निर्माण लंबे इंतजार के बाद अब साकार हुआ है। पीएम मोदी ने इसकी घोषणा पहली बार 2 नवंबर 2015 को बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए की थी।
एयरपोर्ट का निर्माण और सुविधाएं
पूर्णिया एयरपोर्ट एक पूर्व सैन्य हवाई अड्डा है, जिसे अब नागरिक उड्डयन के लिए खोला गया है। यहां फिलहाल पोर्टा केबिन व्यवस्था के तहत हवाई सेवा शुरू होगी। एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग 4000 स्क्वायर मीटर में फैली है और इसके निर्माण पर 46 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
भविष्य में इस एयरपोर्ट को 500 करोड़ की लागत से आधुनिक स्वरूप दिया जाएगा। टर्मिनल भवन का निर्माण पटना एयरपोर्ट के टर्मिनल की तर्ज पर होगा और इसे आगे चलकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में भी विकसित किया जाएगा।
किन जिलों को होगा सीधा लाभ?
पूर्णिया एयरपोर्ट से न केवल पूर्णिया, अररिया, कटिहार और किशनगंज (सीमांचल) बल्कि मधेपुरा, सहरसा और सुपौल (कोसी रेंज) के लोगों को सीधा फायदा होगा। अब तक इन जिलों के यात्रियों को हवाई यात्रा के लिए दरभंगा या बागडोगरा एयरपोर्ट जाना पड़ता था।
साथ ही, भागलपुर और खगड़िया जिलों के लोग भी यहां से हवाई सुविधा ले सकेंगे। एयरपोर्ट से पश्चिम बंगाल, झारखंड के सीमावर्ती जिलों और पड़ोसी देश नेपाल के यात्रियों को भी सुविधा होगी।
क्षेत्रीय विकास में अहम भूमिका
पूर्णिया को पहले से ही मेडिकल, एजुकेशन और ऑटोमोबाइल हब माना जाता है। अब हवाई सेवा शुरू होने से इस इलाके का औद्योगिक और व्यावसायिक विकास और तेज होगा।
कृषि उत्पादकों (विशेषकर मक्का और मखाना किसान) को अपनी उपज का बेहतर दाम मिलेगा।
स्टार्टअप और एग्री-बिजनेस कंपनियां इस क्षेत्र में निवेश करेंगी।
गंभीर मरीजों को बड़े शहरों के अस्पतालों तक ले जाना आसान होगा।
छात्रों और युवाओं को परीक्षा, नौकरी और पढ़ाई के लिए पटना, दिल्ली और कोलकाता तक सीधी उड़ान का लाभ मिलेगा।
स्थानीय पर्यटन और होटल इंडस्ट्री को भी बढ़ावा मिलेगा।
रोजगार और रियल एस्टेट में उछाल
एयरपोर्ट संचालन से होटल, टैक्सी सेवा और परिवहन जैसे क्षेत्रों में रोजगार बढ़ेगा। वहीं, एयरपोर्ट के आसपास जमीन की कीमतें पहले ही 2 से 5 गुना तक बढ़ चुकी हैं। पिछले दो सालों में एक से दो लाख प्रति कट्ठा बिकने वाली जमीन अब 5 से 15 लाख तक पहुँच चुकी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगले 10 वर्षों में यह क्षेत्र तेज़ी से शहरी स्वरूप लेगा।
राजनीतिक महत्व भी अहम
पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन चुनावी दृष्टिकोण से भी बेहद अहम माना जा रहा है। सीमांचल के चार जिलों (पूर्णिया, अररिया, कटिहार और किशनगंज) में विधानसभा की 24 सीटें हैं।
2020 के चुनाव में यहाँ एनडीए को 9, इंडिया गठबंधन को 10 और एआईएमआईएम को 5 सीटें मिली थीं।
पिछले 10 वर्षों से एयरपोर्ट इस इलाके का सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा रहा है।
लंबे इंतजार के बाद हवाई सेवा शुरू होने से राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इसका सीधा फायदा आगामी चुनावों में एनडीए को मिल सकता है।
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