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News : RBI की बड़ी कार्रवाई, इन 4 बैंकों को नियमों की अनदेखी पड़ी भारी, लगा भारी जुर्माना

News : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर बैंकिंग नियमों के उल्लंघन पर कड़ा रुख अपनाते हुए चार सहकारी बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई इन बैंकों द्वारा नियमों की अनदेखी और निर्देशों का सही से पालन न करने के कारण की गई है।

प्रेस विज्ञप्ति में आरबीआई ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि केंद्रीय बैंक देश की बैंकिंग प्रणाली में अनुशासन बनाए रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

News : कार्रवाई की वजह और प्रभावित बैंक

यह कार्रवाई नाबार्ड और आरबीआई द्वारा मार्च 2024 में इन बैंकों के निरीक्षण के बाद की गई है। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि ये बैंक कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रहे थे। इसके बाद, केंद्रीय बैंक ने सभी बैंकों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा। उनके जवाब और दिए गए तर्कों का विश्लेषण करने के बाद, आरबीआई ने इन पर जुर्माना लगाने का फैसला किया।

जिन चार बैंकों पर यह कार्रवाई हुई है, वे देश के अलग-अलग राज्यों से हैं। इनमें शामिल हैं:

* अंडमान एंड निकोबार स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (अंडमान और निकोबार)

* द कटिहार डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (बिहार)

* द चंस्मा नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड (गुजरात)

* द रायगंज सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (पश्चिम बंगाल)

आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि इस जुर्माने का असर ग्राहकों के सामान्य लेनदेन या उनके बैंक के साथ मौजूदा समझौतों पर नहीं पड़ेगा, जिससे ग्राहकों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।

News : किन नियमों का उल्लंघन हुआ?

द रायगंज सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (पश्चिम बंगाल)

इस बैंक पर 3.10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इस बैंक ने ग्राहकों के केवाईसी (KYC) रिकॉर्ड को केंद्रीय KYC रिकॉर्ड रजिस्ट्री में समय पर अपलोड नहीं किया। इसके साथ ही, बैंक ने कुछ ग्राहकों को कई ग्राहक पहचान कोड (Unique Customer Identification Code) आवंटित कर दिए, जबकि नियम के अनुसार प्रत्येक ग्राहक के लिए केवल एक ही विशिष्ट कोड होना चाहिए।

अंडमान एंड निकोबार स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड

इस बैंक पर 16 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया गया है। यह बैंक एक निश्चित समय सीमा के भीतर दावा न की गई राशि को 'जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरूकता कोष' में स्थानांतरित करने में विफल रहा। इसके अलावा, बैंक खातों के जोखिम वर्गीकरण की समीक्षा भी समय पर नहीं कर सका, जबकि इसकी समीक्षा कम से कम हर छह महीने में एक बार होनी चाहिए थी।

द कटिहार डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (बिहार)

इस बैंक पर 3.03 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। बैंक ने अपने निदेशकों को ऋण स्वीकृत किए, जो नियमों का उल्लंघन है। इसके अतिरिक्त, बैंक अपने ग्राहकों की क्रेडिट जानकारी दो क्रेडिट सूचना कंपनियों को भी समय पर नहीं दे पाया।

द चंस्मा नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड (गुजरात)

इस बैंक को एक लाख रुपये का जुर्माना देना होगा। बैंक अपने ग्राहकों को अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन की रिपोर्ट करने के लिए 24/7 सुविधा प्रदान करने में विफल रहा। साथ ही, बैंक ग्राहकों को एसएमएस पर "रिप्लाई" के जरिए तुरंत प्रतिक्रिया देने में भी सक्षम नहीं हो पाया, जिससे ग्राहकों को लेनदेन से संबंधित किसी भी आपत्ति को सूचित करने में दिक्कत हुई।

News : आरबीआई की कार्रवाई का महत्व

आरबीआई की यह कार्रवाई दर्शाती है कि वह बैंकिंग प्रणाली में अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कितनी गंभीर है। यह छोटे सहकारी बैंकों को एक कड़ा संदेश देती है कि वे भी बड़े वाणिज्यिक बैंकों की तरह ही नियमों का पालन करें।

इस तरह की कार्रवाइयां न केवल बैंकिंग क्षेत्र में जवाबदेही को बढ़ाती हैं, बल्कि ग्राहकों के हितों की रक्षा भी करती हैं, जो बैंकिंग प्रणाली में विश्वास बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है।

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