वेब स्टोरी

News : ओवैसी ने RSS को बताया देश का दुश्मन, PM पर भी साधा निशाना!

News : 15 अगस्त को 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाल किले से दिए गए भाषण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रशंसा करने पर विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई है।

प्रधानमंत्री ने आरएसएस को 'गौरवशाली इतिहास' वाला संगठन बताते हुए उसे दुनिया का सबसे बड़ा गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) कहा। उन्होंने इसके स्वयंसेवकों के राष्ट्र सेवा के लिए किए गए प्रयासों की सराहना भी की।

पीएम मोदी के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव एम.ए. बेबी ने इसकी आलोचना की है, इसे स्वतंत्रता संग्राम का अपमान बताया है।

News : ओवैसी की आलोचना

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में प्रधानमंत्री के बयान को 'स्वतंत्रता संग्राम का अपमान' बताया। ओवैसी ने कहा कि आरएसएस और उसके वैचारिक सहयोगियों ने कभी भी स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया, बल्कि उन्होंने 'ब्रिटिशों के पैदल सैनिक' के रूप में काम किया। उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस महात्मा गांधी से उतनी ही नफरत करता था, जितना उसने कभी ब्रिटिशों का विरोध नहीं किया।

ओवैसी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री का यह बयान हमें 'असल इतिहास' पढ़ने और 'देश के असल नायकों' का सम्मान करने की याद दिलाता है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हम ऐसा नहीं करते हैं, तो वह दिन दूर नहीं जब 'कायरता को हमें बहादुरी के रूप में बेचा जाएगा।'

ओवैसी ने आरएसएस की विचारधारा पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि आरएसएस का 'हिंदुत्व' बहिष्कार में विश्वास करता है और यह हमारे संविधान के मूल्यों के विपरीत है। उन्होंने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री ने यह बात लाल किले से क्यों कही, जबकि वह आरएसएस के एक स्वयंसेवक के रूप में नागपुर जाकर भी उसकी प्रशंसा कर सकते थे।

ओवैसी ने आरएसएस को देश के लिए 'चीन से भी बड़ा खतरा' बताया। उन्होंने कहा कि चीन बेशक हमारा सबसे बड़ा बाहरी खतरा है, लेकिन देश के भीतर 'नफरत और बंटवारे' का जो माहौल संघ परिवार फैला रहा है, वह उससे भी बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी आजादी को सुरक्षित रखने के लिए ऐसी सभी ताकतों को हराना होगा।

News : 'शहीदों और स्वतंत्रता आंदोलन का अपमान'

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव एम.ए. बेबी ने भी पीएम मोदी के बयान की निंदा की। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और आरएसएस को 'संदिग्ध ऐतिहासिक रिकॉर्ड' वाला संगठन बताया। बेबी ने कहा कि यह बेहद अफसोसजनक है कि प्रधानमंत्री ने लाल किले से अपने संबोधन में ऐसे संगठन की प्रशंसा की, जिसका स्वतंत्रता संग्राम में कोई योगदान नहीं था।

बेबी ने याद दिलाया कि महात्मा गांधी की हत्या के बाद आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस ने 'लगातार धार्मिक आधार पर राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने की कोशिश की है।' बेबी ने कहा कि इतिहासकारों ने भी सांप्रदायिक दंगों और अन्य हिंसा को भड़काने में इसकी भूमिका को दर्ज किया है।

सीपीआई-एम नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस स्वतंत्रता दिवस पर आरएसएस की तारीफ करके 'हमारे शहीदों और स्वतंत्रता आंदोलन की भावना का अपमान' किया है। उन्होंने इस कृत्य को 'अत्यंत अस्वीकार्य और शर्मनाक' बताया।

News : पीएम मोदी का बयान: आरएसएस की राष्ट्र सेवा की सराहना

अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज से 100 साल पहले एक संगठन का जन्म हुआ था, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ। उन्होंने कहा कि 'व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण' के संकल्प को लेकर 100 साल तक संघ ने काम किया है। पीएम मोदी ने आरएसएस के गौरवपूर्ण इतिहास का जिक्र करते हुए राष्ट्र सेवा के लिए उसके स्वयंसेवकों के प्रयासों की सराहना की।

इस तरह, प्रधानमंत्री के बयान ने देश में एक नई राजनीतिक बहस को जन्म दिया है, जहां एक ओर सरकार आरएसएस को राष्ट्र निर्माण में एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में देखती है, वहीं विपक्ष इसे स्वतंत्रता संग्राम के मूल्यों के विपरीत मानता है। यह विवाद भारतीय इतिहास और राष्ट्रवाद की अलग-अलग व्याख्याओं को उजागर करता है।

Also Read : Independence day : 2025 के अंत तक आएगी मेड इन इंडिया चिप, लाल किले से पीएम मोदी ने किया ऐलान!

Watch Video

Watch the full video for more details on this story.

You Might Also Like

Facebook Feed