News : असदुद्दीन ओवैसी का डीपफेक वीडियो वायरल, रोज़ाना 53 हजार रुपये कमाने का झांसा, FIR दर्ज!
News : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी इन दिनों एक गम्भीर साइबर अपराध का शिकार बने हैं। सोशल मीडिया पर उनका एक डीपफेक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें एक संदिग्ध निवेश योजना का प्रचार करते हुए दिखाया गया है। वीडियो में ओवैसी की आवाज़ और चेहरा पूरी तरह से असली प्रतीत हो रहा है, लेकिन जांच में सामने आया कि यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की मदद से तैयार किया गया एक फर्जी वीडियो है। 

News : क्या है पूरा मामला?
यह वीडियो करीब 7 मिनट 35 सेकंड लंबा है और इसे कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शेयर किया गया है। इसमें दावा किया गया है कि एक खास ऑनलाइन योजना में शामिल होकर लोग रोजाना ₹53,000 तक की कमाई कर सकते हैं। ओवैसी के 'कथित' बयान का इस्तेमाल करते हुए इस स्कीम को विश्वसनीय बनाने की कोशिश की गई है, जिससे आम जनता को फंसाया जा सके। वीडियो में असदुद्दीन ओवैसी को अंग्रेज़ी में बात करते हुए दिखाया गया है, जो उनकी सामान्य बोलचाल की भाषा नहीं है। यह बात भी लोगों को शक में डाल रही है, लेकिन कई लोग इसे असली मान बैठे और वीडियो को आगे बढ़ाने लगे।
News : ओवैसी की प्रतिक्रिया
असदुद्दीन ओवैसी ने इस वीडियो के सामने आते ही हैदराबाद साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने साफ कहा कि यह वीडियो उनके नाम और छवि का गलत इस्तेमाल करते हुए बनाया गया है, जिसका उद्देश्य जनता को गुमराह करना और उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि "मेरी जानकारी और अनुमति के बिना मेरे चेहरे और आवाज़ का इस्तेमाल कर इस वीडियो को बनाया गया है। यह पूरी तरह से फर्जी है और जनता को धोखा देने के इरादे से तैयार किया गया है। मैं चाहता हूं कि इस मामले की गंभीरता से जांच हो और दोषियों को कड़ी सज़ा मिले।"News : पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने शिकायत के आधार पर आईटी एक्ट की धारा 66C, 66D, और 66E के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इसके अलावा भारतीय दंड संहिता की नई धाराओं 319(2), 336(3)/(4), और 356 के अंतर्गत भी केस फाइल किया गया है, जिनमें धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और मानहानि जैसी धाराएं शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि यह वीडियो पेशेवर तरीके से बनाया गया है और इसके पीछे किसी साइबर क्राइम गैंग का हाथ हो सकता है। वीडियो को हटाने के लिए सोशल मीडिया कंपनियों को भी सूचना भेज दी गई है।