Independence day : 2025 के अंत तक आएगी मेड इन इंडिया चिप, लाल किले से पीएम मोदी ने किया ऐलान!
Independence day : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से एक ऐतिहासिक घोषणा की, जिससे भारत के तकनीकी परिदृश्य में एक नई क्रांति की शुरुआत होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 के अंत तक 'मेड इन इंडिया' चिप्स भारतीय बाजार में उपलब्ध होंगी।
यह ऐलान भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसका उद्देश्य देश को वैश्विक सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित करना है।
Independence day : सेमीकंडक्टर मिशन और आत्मनिर्भरता का लक्ष्य
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में बताया कि भारत अब मिशन मोड में सेमीकंडक्टर के लक्ष्य को आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि "इस वर्ष के अंत तक भारत में बनी हुई, भारत के लोगों द्वारा बनाई गई चिप्स बाजार में आ जाएंगी।" यह घोषणा दशकों पुरानी उस समस्या को हल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां पहले सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट्स लगाने की योजनाएं नौकरशाही की उलझनों में उलझकर रह गईं थीं।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि 50-60 साल पहले इस दिशा में प्रयास शुरू हुए थे, लेकिन फाइलें अटक गईं, लटक गईं और भटक गईं। अब, इन बाधाओं को दूर करते हुए, देश ने इस क्षेत्र में तेजी से प्रगति की है।
आज तक, भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के 'भारत सेमीकंडक्टर मिशन' के तहत कुल 10 सेमीकंडक्टर इकाइयों को मंजूरी दी गई है। इनमें से अधिकांश इकाइयां सेमीकंडक्टर की असेंबली और पैकेजिंग पर केंद्रित हैं, जबकि दो इकाइयां फैब्रिकेशन (यानी, चिप्स के निर्माण) के लिए समर्पित हैं। यह मिश्रण भारत को न केवल चिप्स बनाने बल्कि उन्हें अंतिम रूप देने और बाजार में लाने की क्षमता प्रदान करेगा।
Independence day : वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत की भूमिका
यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब दुनिया भर में सेमीकंडक्टर का महत्व तेजी से बढ़ रहा है। आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स, चाहे वह स्मार्टफोन हो, कंप्यूटर हो, कार हो या कोई अन्य उपकरण, सभी सेमीकंडक्टर चिप्स पर निर्भर करते हैं।
वर्तमान में, सेमीकंडक्टर के उत्पादन, डिजाइन और निर्यात में ताइवान, दक्षिण कोरिया, अमेरिका और चीन जैसे देशों का दबदबा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत इन देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
'मेड इन इंडिया' चिप्स की उपलब्धता न केवल भारत को इन देशों पर निर्भरता कम करने में मदद करेगी बल्कि वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार में भारत की स्थिति को भी मजबूत करेगी।
भारत एक विशाल बाजार है और यहां निर्मित चिप्स का उपयोग देश की अपनी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है। इससे घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे और तकनीकी कौशल का विकास होगा।
Independence day : ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का संकल्प
सेमीकंडक्टर के अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत पेट्रोल, डीजल और गैस जैसे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के लिए अन्य देशों पर बहुत अधिक निर्भर है, जिस पर हर साल लाखों-करोड़ों रुपये खर्च होते हैं।
इस निर्भरता को कम करने के लिए, भारत को स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में भारत की सौर ऊर्जा क्षमता में 30 गुना की वृद्धि हुई है, जो इस दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।
भारत 'मिशन ग्रीन' के तहत हजारों करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है, जिसका उद्देश्य देश को हरित और टिकाऊ भविष्य की ओर ले जाना है। यह पहल न केवल ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करेगी बल्कि पर्यावरण की रक्षा में भी मदद करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह घोषणा भारत के तकनीकी और आर्थिक भविष्य के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। 'मेड इन इंडिया' चिप्स की उपलब्धता देश को न केवल सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी बल्कि वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख तकनीकी शक्ति के रूप में भी स्थापित करेगी।
यह कदम भारत के युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा करेगा, नवाचार को बढ़ावा देगा और देश को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा। यह एक ऐसे भविष्य की शुरुआत है जहां भारत न केवल तकनीकी उत्पादों का उपभोक्ता होगा, बल्कि उनका निर्माता और निर्यातक भी होगा।
यह पहल 'आत्मनिर्भर भारत' के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत को आर्थिक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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