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News : पीएम मोदी का बड़ा ऐलान, दिवाली से चीजें होंगी सस्ती, सरकार घटा रही GST!

News : स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि इस दिवाली से गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के दूसरे चरण के सुधार लागू होंगे, जिससे रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी।

इस कदम से देशवासियों को "डबल खुशियां" मिलेंगी और अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। यह घोषणा न केवल आम आदमी को राहत देगी, बल्कि छोटे और मझोले उद्यमों (MSMEs) को भी प्रोत्साहित करेगी।

News : GST में बदलाव का कारण और उद्देश्य

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में सरकार ने टैक्स का बोझ कम करने और टैक्स सिस्टम को सरल बनाने पर जोर दिया है। जीएसटी में अगला चरण इसी दिशा में एक और कदम है। इस सुधार का मुख्य उद्देश्य जीएसटी रेट्स को तर्कसंगत बनाना है, जिससे कीमतें घटें और घरेलू खपत बढ़े।

जीएसटी दरों की समीक्षा के लिए जीएसटी काउंसिल ने सितंबर 2021 में मंत्रियों का एक समूह (GoM) बनाया था। इस समूह को जीएसटी के स्लैब और दरों में बदलाव के लिए सिफारिशें देने का काम सौंपा गया था।

इस समूह की रिपोर्ट के आधार पर सरकार अब जीएसटी दरों में कमी करने जा रही है। यह माना जा रहा है कि वर्तमान में मौजूद चार स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) को घटाकर तीन किया जा सकता है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बदलाव 12% के स्लैब को खत्म करना हो सकता है, जिससे कई जरूरी सामानों की कीमतें कम हो सकती हैं।

News : घरेलू खपत को बढ़ावा और आर्थिक चुनौतियों से मुकाबला

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी में कमी का फैसला कई आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए उठाया गया है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने का ऐलान किया था।

हालांकि, इस मुद्दे पर भारत और अमेरिका के बीच बातचीत चल रही है, लेकिन सरकार किसी भी अप्रिय स्थिति के लिए तैयार रहना चाहती है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर अमेरिकी टैरिफ लागू होता है, तो इसका भारत की जीडीपी पर लगभग आधा फीसदी का असर पड़ सकता है।

जीएसटी में कमी से घरेलू खपत में वृद्धि होगी, जिससे जीडीपी में संभावित गिरावट को रोका जा सकेगा। जब आवश्यक वस्तुएं सस्ती होती हैं, तो लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ती है, जिससे बाजार में मांग पैदा होती है और आर्थिक चक्र मजबूत होता है। यह कदम 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' जैसी पहलों को भी बल देगा, क्योंकि घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।

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News : आम आदमी और MSMEs को फायदा

जीएसटी में कटौती का सबसे सीधा और बड़ा फायदा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को होगा। खाद्य पदार्थ और अन्य आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी कम होने से उनका मासिक खर्च घटेगा, जिससे उनकी बचत में बढ़ोतरी होगी।

इसके साथ ही, सरकार ने हाल ही में 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स-फ्री करने की घोषणा भी की थी, जिससे मध्यम वर्ग को भी बड़ी राहत मिली है। इन दोनों फैसलों से लोगों के हाथ में खर्च करने के लिए अधिक पैसे बचेंगे।

छोटे और मझोले उद्यमों (MSMEs) के लिए भी यह एक सकारात्मक कदम है। जीएसटी दरों के सरल होने से उनकी लागत कम होगी और टैक्स अनुपालन आसान हो जाएगा। इससे इन उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी और उन्हें बाजार में अपनी जगह बनाने में मदद मिलेगी।

News : जीएसटी: एक दशक का सफर

जीएसटी सिस्टम 1 जुलाई 2017 को लागू हुआ था, जिसे भारतीय टैक्स प्रणाली में सबसे बड़ा सुधार माना जाता है। इसे लागू हुए अब आठ साल हो चुके हैं।

इस दौरान जीएसटी काउंसिल, जिसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करती हैं और जिसमें राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल होते हैं, ने लगातार इस सिस्टम को बेहतर बनाने का काम किया है। समय-समय पर काउंसिल की बैठकों में जीएसटी से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले लिए जाते हैं।

जीएसटी के दूसरे चरण के सुधारों से न केवल टैक्स व्यवस्था और अधिक कुशल बनेगी, बल्कि यह देश के आर्थिक विकास को भी नई गति देगा। यह घोषणा भारत को एक समावेशी और मजबूत अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां हर वर्ग के लोगों को लाभ मिले।

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