पर्वतीय जिलों में 20 दिसंबर को बारिश और बर्फबारी की संभावना, मैदानी इलाकों में कोहरे का येलो अलर्ट
उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में एक बार फिर मौसम करवट लेने जा रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा जारी ताजा पूर्वानुमान के अनुसार 20 दिसंबर को राज्य के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है। बदलते मौसम के इस मिजाज का असर पहाड़ों से लेकर मैदानी जिलों तक देखने को मिलेगा, जिससे ठंड में और इजाफा होने के आसार हैं।
चार पर्वतीय जिलों में बारिश-बर्फबारी की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिलों के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश और बर्फबारी हो सकती है। खासतौर पर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तापमान गिरने के कारण बर्फ जमने की संभावना अधिक है। इससे पहाड़ी इलाकों में ठंड और बढ़ेगी, वहीं दुर्गम क्षेत्रों में जनजीवन भी प्रभावित हो सकता है।
3500 मीटर से ऊपर बर्फबारी के आसार
पूर्वानुमान में बताया गया है कि 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने की प्रबल संभावना है। इसका असर बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब, नीति-माणा घाटी, पिंडारी ग्लेशियर और अन्य ऊंचाई वाले पर्यटन एवं सीमावर्ती क्षेत्रों में देखने को मिल सकता है। बर्फबारी के कारण पहाड़ी मार्गों पर फिसलन बढ़ सकती है, जिससे यात्रियों और स्थानीय लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
मैदानी जिलों में कोहरे का येलो अलर्ट
जहां एक ओर पर्वतीय जिलों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है, वहीं दूसरी ओर मैदानी इलाकों में घना कोहरा परेशानी बढ़ा सकता है। मौसम विभाग ने देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, चम्पावत और पौड़ी जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
सुबह और देर रात के समय कोहरे की वजह से दृश्यता कम रहने की संभावना है, जिससे सड़क और रेल यातायात प्रभावित हो सकता है। वाहन चालकों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
ठंड में बढ़ोतरी, तापमान में गिरावट
बारिश, बर्फबारी और कोहरे के चलते प्रदेशभर में तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है। पर्वतीय क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान शून्य के आसपास पहुंच सकता है, जबकि मैदानी इलाकों में भी ठिठुरन बढ़ने के आसार हैं। ठंडी हवाओं के कारण लोगों को गर्म कपड़ों का सहारा लेना पड़ रहा है।
किसानों और यात्रियों के लिए जरूरी सूचना
मौसम में बदलाव का असर कृषि और पर्यटन दोनों पर पड़ सकता है। किसानों को फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गई है। वहीं पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा करने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को मौसम अपडेट पर नजर रखने और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण कुछ मार्ग अस्थायी रूप से बंद हो सकते हैं, इसलिए यात्रा से पहले सड़क स्थिति की जानकारी लेना जरूरी है।
प्रशासन और आपदा प्रबंधन सतर्क
मौसम पूर्वानुमान को देखते हुए प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाई जा रही है ताकि किसी भी आपात स्थिति से समय रहते निपटा जा सके।
आने वाले दिनों में कैसा रहेगा मौसम
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार यह पश्चिमी विक्षोभ का असर हो सकता है, जिससे अगले कुछ दिनों तक मौसम में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। पर्वतीय क्षेत्रों में रुक-रुक कर हल्की बारिश और बर्फबारी के दौर जारी रह सकते हैं, जबकि मैदानी इलाकों में कोहरा और ठंड बढ़ने की संभावना है।
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