देहरादून की हवा को लगी नजर, दिल्ली की तरह AQI पहुंचा 300 के पार!
पहाड़ों की रानी मसूरी का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले और कभी अपनी साफ-सुथरी हवा के लिए पहचाने जाने वाले देहरादून की फिज़ा अब धीरे-धीरे जहरीली होती जा रही है। बीते 48 घंटों में शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है, जिससे स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ गई है। हालात ऐसे हैं कि रात के वक्त कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर दिल्ली जैसी स्थिति का एहसास कराने लगा है।
दून विश्वविद्यालय स्थित प्रदूषण निगरानी केंद्र के ताजा आंकड़े स्थिति की गंभीरता को साफ दिखाते हैं। बुधवार को शहर का औसत AQI 267 दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम स्तर 291 तक पहुंच गया। प्रोफेसर विजय श्रीधर के अनुसार, रात के समय हवा की रफ्तार धीमी पड़ने से AQI कई बार 300 के पार चला जा रहा है, जो ‘वेरी पुअर’ श्रेणी में आता है।
प्रदूषण बढ़ने के तीन प्रमुख कारण
विशेषज्ञों ने देहरादून में स्मॉग और बढ़ते वायु प्रदूषण के पीछे तीन बड़े कारण बताए हैं—
सड़कों पर लगातार बढ़ती वाहनों की संख्या और घंटों तक लगने वाला ट्रैफिक जाम।
रिहायशी इलाकों में खुले में कूड़ा-कचरा जलाया जाना।
जंगलों में लगने वाली आग से उठने वाला धुआं, जो घाटी में जमा हो रहा है।
शहर में प्रदूषण की जानकारी देने के लिए लगाए गए स्मार्ट एलईडी डिस्प्ले भी अब संदेह के घेरे में हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई डिस्प्ले पर कई दिन पुरानी रीडिंग दिखाई जा रही है। हवा की गुणवत्ता खराब होने के बावजूद कुछ स्थानों पर संतोषजनक आंकड़े दिखना लोगों को भ्रमित कर रहा है, जो स्वास्थ्य के लिहाज से जोखिम भरा है।
बच्चों और बुजुर्गों के लिए चेतावनी
डॉक्टरों का कहना है कि बिगड़ती हवा का सबसे ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ रहा है। गले में जलन, आंखों में चुभन और सांस लेने में परेशानी जैसी शिकायतें बढ़ने लगी हैं। विशेषज्ञों ने सुबह और देर रात बाहर की गतिविधियों से बचने, साथ ही मास्क के इस्तेमाल की सलाह दी है।
Watch Video
Watch the full video for more details on this story.











