Dehradun : 14 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म, गर्भवती होने पर युवक ने खिलाई गर्भपात की दवाई, आरोपी गिरफ्तार!

Dehradun : उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म और जबरन गर्भपात का एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। लगभग एक वर्ष से अधिक समय से चले आ रहे इस जघन्य शोषण का खुलासा होने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना समाज में बच्चों की सुरक्षा और यौन अपराधों के खिलाफ सख्त कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़ित नाबालिग लड़की, जिसकी पहचान गोपनीय रखी गई है, को पिछले लगभग एक साल से आरोपी द्वारा कथित तौर पर लगातार यौन शोषण का शिकार बनाया जा रहा था।

इस दौरान, जब लड़की चार महीने की गर्भवती हो गई, तो आरोपी ने पीड़िता पर दबाव डालकर और धमकियां देकर उसका गर्भपात करा दिया। यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आने के बाद पूरे मामले ने एक गंभीर मोड़ ले लिया है, जिससे पुलिस और बाल कल्याण अधिकारियों के कान खड़े हो गए हैं।

Dehradun : एक साल का दर्दनाक शोषण और जबरन गर्भपात

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह मामला तब प्रकाश में आया जब नाबालिग पीड़िता ने किसी तरह अपने परिजनों या विश्वसनीय व्यक्ति को अपनी आपबीती सुनाई। शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी ने पीड़िता की नाबालिग होने का फायदा उठाकर उसे अपने जाल में फंसाया और उसका लगातार यौन उत्पीड़न करता रहा।

शोषण का यह सिलसिला एक वर्ष से अधिक समय तक चलता रहा, जिससे पीड़िता मानसिक और शारीरिक रूप से टूट गई थी। सबसे वीभत्स पहलू यह है कि जब पीड़िता गर्भवती हुई, तो आरोपी ने अपनी करतूत छिपाने और कानूनी शिकंजे से बचने के लिए उस पर गर्भपात कराने का दबाव डाला।

बताया जा रहा है कि आरोपी ने धमकियों और डरा-धमका कर चार माह के गर्भ को जबरन गिरवा दिया। इस प्रक्रिया में पीड़िता को गंभीर शारीरिक और मानसिक आघात पहुंचा। यह कृत्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 313 (स्त्री की सहमति के बिना गर्भपात कराना) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत एक गंभीर अपराध है, जो दुष्कर्म के आरोप को और भी संगीन बना देता है।

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Dehradun : पुलिस कार्रवाई और कानूनी प्रावधान

मामले की गंभीरता को देखते हुए देहरादून पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) ने स्वयं मामले की निगरानी की और एक विशेष टीम का गठन किया। गहन छानबीन और पीड़िता के बयान के आधार पर मुख्य आरोपी को पहचान कर गिरफ्तार कर लिया गया है।

आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 (दुष्कर्म), 313 (स्त्री की सहमति के बिना गर्भपात कराना), 506 (आपराधिक धमकी) और बच्चों को यौन अपराधों से संरक्षण (POCSO) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

POCSO अधिनियम नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराधों से संबंधित एक कड़ा कानून है, जो ऐसे मामलों में त्वरित न्याय और दोषियों के लिए कठोर सजा का प्रावधान करता है।

पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या इस अपराध में कोई और व्यक्ति शामिल था, विशेष रूप से गर्भपात कराने में मदद करने वाला कोई तीसरा पक्ष। यदि कोई व्यक्ति या चिकित्सा पेशेवर इस जबरन गर्भपात में शामिल पाया जाता है, तो उसके खिलाफ भी कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Dehradun : सामाजिक प्रभाव और न्याय की मांग

इस घटना ने पूरे देहरादून में एक गहरा सदमा और रोष पैदा कर दिया है। विभिन्न सामाजिक संगठनों, महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और बाल सुरक्षा समूहों ने इस जघन्य अपराध की कड़ी निंदा की है और पीड़िता के लिए न्याय की मांग की है। उन्होंने प्रशासन से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि आरोपी को जल्द से जल्द सख्त से सख्त सजा मिले, ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों को रोका जा सके।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में पीड़िता को मानसिक और शारीरिक रूप से अत्यधिक पीड़ा से गुजरना पड़ता है। इसलिए, न केवल अपराधी को सजा दिलाना महत्वपूर्ण है, बल्कि पीड़िता को भी पर्याप्त चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक और कानूनी सहायता प्रदान करना आवश्यक है ताकि वह इस सदमे से उबर सके और सामान्य जीवन में लौट सके। बाल कल्याण समितियों और गैर-सरकारी संगठनों ने पीड़िता को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।

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Dehradun : आगे की जांच और चुनौतियां

पुलिस ने बताया कि आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और मामले की आगे की जांच जारी है। साक्ष्य जुटाने, फॉरेंसिक जांच और अन्य कानूनी प्रक्रियाओं को तेजी से पूरा किया जा रहा है ताकि अदालत में एक मजबूत मामला प्रस्तुत किया जा सके।

ऐसे मामलों में अक्सर सबूत इकट्ठा करने और पीड़िता के बयान को सही तरीके से दर्ज करने में चुनौतियां आती हैं, विशेषकर जब शोषण लंबे समय तक चला हो और जबरन गर्भपात जैसा संवेदनशील पहलू जुड़ा हो।

यह घटना एक बार फिर समाज को बच्चों की सुरक्षा, उनके प्रति जागरूकता और ऐसे अपराधों को रोकने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता की याद दिलाती है। यह सुनिश्चित करना हम सभी की जिम्मेदारी है कि हमारे बच्चे सुरक्षित रहें और किसी भी तरह के शोषण से मुक्त होकर अपना जीवन जी सकें। देहरादून पुलिस ने आश्वासन दिया है कि इस मामले में पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी और न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।

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