Crime : उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर से एक बेहद शर्मनाक और दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। एक 19 वर्षीय राष्ट्रीय स्तर की ताइक्वांडो खिलाड़ी ने आरोप लगाया है कि उसे एक धार्मिक आश्रम में बुलाकर महंत समेत चार लोगों ने मिलकर गैंगरेप किया। पीड़िता का दावा है कि उसे बेहोश कर उसके साथ जबरदस्ती की गई और फिर जान से मारने की धमकी देकर चुप रहने को मजबूर किया गया।
पीड़िता के मुताबिक, वह अपनी मां की मौत के बाद अकेले जीवन चला रही थी और पुराने कपड़े बेचकर गुज़ारा करती थी। उसे भरोसे में लेकर एक व्यक्ति ने जनवरी 2025 में उसे पास के एक आश्रम में बुलाया। वहां उसे एक लड्डू खाने को दिया गया, जो खाने के बाद वह बेहोश हो गई। उसके अनुसार, उसे पहले “बेटी” कहकर भावनात्मक रूप से फंसाया गया और फिर उसी रिश्ते की आड़ में बर्बरता की गई।
Crime : घटना से पहले पीड़िता ने मोबाइल से लिया सुरक्षात्मक कदम
इस घटना से पहले, पीड़िता को कुछ आशंका हुई थी, इसलिए उसने होशियारी दिखाते हुए अपने मोबाइल का कैमरा चालू कर दिया। जब वह बेहोश हो रही थी, तब कैमरा रिकॉर्डिंग में था, जिससे कुछ महत्वपूर्ण सबूत उसके पास मौजूद हैं। हालांकि, उसने अभी तक यह वीडियो पुलिस को नहीं सौंपा है लेकिन उसका कहना है कि वो सही समय पर यह पेश करेगी।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि घटना के बाद आरोपियों ने उसके साथ हुई दरिंदगी का वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। उसके अनुसार, चुप रहने के लिए उसे जान से मारने की धमकी दी गई और बार-बार शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। उसने कहा कि आरोपियों ने उसके सिर पर वार भी किया, जिससे उसे लंबे समय तक इलाज की ज़रूरत पड़ी।
Crime : पुलिस से न्याय की गुहार
चार महीने तक सहने और चुप रहने के बाद आखिरकार पीड़िता ने हिम्मत जुटाकर पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया और न्याय की मांग की। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं और जल्द ही सभी आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है। स्थानीय प्रशासन की ओर से आश्वासन दिया गया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
घटना के बाद पीड़िता ने कहा कि वह अब कानपुर में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करती और किसी सुरक्षित शहर, जैसे लखनऊ, में शिफ्ट होना चाहती है। उसने समाज से भी अपील की है कि वह ऐसे अपराधों पर चुप न रहे और पीड़ितों के साथ खड़ा हो।
यह घटना न केवल एक खेल प्रतिभा के सपनों को तोड़ने वाली है, बल्कि यह धार्मिक आस्थाओं की आड़ में छिपे अपराधियों की काली सच्चाई को भी उजागर करती है। जब एक लड़की जो आत्मरक्षा की कला जानती है, उसके साथ भी ऐसी दरिंदगी हो सकती है, तो सवाल उठता है कि महिलाएं आखिर कितनी सुरक्षित हैं? अब ज़रूरत है कड़ी कार्रवाई, न्याय और सामाजिक जागरूकता की, ताकि कोई और बेटी इस दर्द से न गुज़रे।
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