उत्तर प्रदेश में कड़ाके की ठंड और कोहरे का कहर, स्कूल एक जनवरी तक बंद
मोदीपुरम (मेरठ)- उत्तर भारत इन दिनों भीषण ठंड और घने कोहरे की चपेट में है। पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी का असर मैदानी राज्यों तक पहुंच गया है। ठंडी पछुआ हवाओं और कोहरे की मार से उत्तर प्रदेश में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हालात को देखते हुए प्रदेश में कक्षा 12 तक के आईसीएसई, सीबीएसई और यूपी बोर्ड से संबद्ध सभी स्कूलों को एक जनवरी तक बंद रखने का फैसला किया गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले तीन दिन भी राहत देने वाले नहीं हैं। गलन और कोहरे की स्थिति बनी रहने की चेतावनी जारी की गई है। रविवार को सहारनपुर, बिजनौर और मुजफ्फरनगर में इस सीजन का सबसे ठंडा दिन दर्ज किया गया, जबकि मेरठ में ठंड ने पिछले 13 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। हालात ऐसे रहे कि मेरठ का तापमान नैनीताल से भी नीचे चला गया।
घने कोहरे के कारण कई शहरों में दृश्यता बेहद कम रही। आगरा, प्रयागराज, कानपुर और सहारनपुर में दृश्यता शून्य के करीब पहुंच गई। फतेहपुर में मात्र 10 मीटर, मेरठ में 15 मीटर और हमीरपुर में 20 मीटर तक दृश्यता दर्ज की गई। मेरठ और इटावा में न्यूनतम तापमान 6.7 डिग्री सेल्सियस रहा, जिससे ये जिले सबसे ठंडी रात वाले इलाकों में शामिल हो गए।
पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में शीत दिवस जैसी स्थिति बनी रही। बिजनौर में दिन का अधिकतम तापमान 19.6 डिग्री और न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। शामली में शनिवार रात से शुरू हुआ घना कोहरा रविवार दोपहर तक छाया रहा।
मेरठ में रविवार को दिनभर सूरज के दर्शन नहीं हुए। कोहरे और बादलों की मोटी परत के कारण शहर और ग्रामीण इलाकों में ठिठुरन बनी रही। अधिकतम तापमान 16.6 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि नैनीताल का अधिकतम तापमान 16.8 डिग्री रहा। न्यूनतम तापमान के मामले में भी मेरठ, नैनीताल से ज्यादा ठंडा साबित हुआ।
वेस्ट यूपी के अधिकांश जिलों में सुबह और रात के समय सड़कों पर चलना जोखिम भरा हो गया। हाईवे और मुख्य मार्गों पर वाहन चालकों को दिन में भी हेडलाइट जलाकर चलना पड़ा। दृश्यता बेहद कम होने से कई जगह दुर्घटनाओं का खतरा बना रहा।
ठंड के चलते बाजारों में भी सन्नाटा पसरा रहा। अवकाश का दिन होने के बावजूद लोग घरों से बाहर निकलने से बचते नजर आए। लोग अलाव, हीटर और गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी दिहाड़ी मजदूरों, बुजुर्गों और छोटे बच्चों को झेलनी पड़ रही है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस बार कड़ाके की ठंड के पीछे कई कारण हैं। ला-नीना का प्रभाव, उत्तर और उत्तर-पूर्व से आ रही ठंडी व शुष्क हवाएं, साफ आसमान के कारण रात में तेजी से तापमान गिरना और पश्चिमी विक्षोभ की कमी इसके मुख्य कारण बताए जा रहे हैं। जलवायु परिवर्तन के चलते मौसम का असामान्य व्यवहार भी ठंड को और बढ़ा रहा है।
ठंड के साथ प्रदूषण भी चिंता का विषय बना हुआ है। एनसीआर क्षेत्र की हवा लगातार खराब श्रेणी में बनी हुई है। रविवार को मेरठ का औसत एक्यूआई 298 दर्ज किया गया। जयभीम नगर में प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा रहा, जहां एक्यूआई 355 तक पहुंच गया। कई अन्य इलाकों में भी हवा स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह स्तर पर बनी रही।
मौसम विभाग और प्रशासन ने लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है। वाहन चलाते समय गति सीमित रखने, फॉग लाइट या लो बीम का उपयोग करने और कोहरे के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि नए साल की शुरुआत भी ठंड और कोहरे के साथ ही होने की संभावना है।
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