UP : उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में रविवार रात एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया, जिसमें एक बेकाबू थार कार ने सड़क पर चल रहे लोगों को बेरहमी से रौंद डाला। इस हादसे में अब तक 6 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं। हादसे के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है और लोगों में गुस्सा है।
यह घटना भदोही के गोपीगंज थाना क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-19) के किनारे स्थित एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक काले रंग की तेज़ रफ्तार थार कार अचानक कार्यक्रम स्थल की ओर मुड़ी और लोगों को रौंदते हुए निकल गई।
UP : हादसे का समय और स्थान
यह भीषण हादसा रविवार रात करीब 8:30 बजे उस वक्त हुआ, जब लोग एक धार्मिक कथा और भजन कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे। यह कार्यक्रम गांव के पास हाईवे किनारे खुले मैदान में आयोजित किया गया था। सैकड़ों लोग मौजूद थे और उसी वक्त एक तेज़ रफ्तार थार कार वहां आ धमकी।
स्थानीय निवासी शिवकुमार यादव, जो घटना के वक्त मौके पर मौजूद थे, ने बताया, “थार इतनी तेज़ी से आई कि किसी को संभलने तक का मौका नहीं मिला। जो सामने आया, वो कुचला गया। कुछ बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग भी इसकी चपेट में आ गए। लोग चीखते-चिल्लाते रहे लेकिन ड्राइवर रुका नहीं।”
कुछ लोगों का यह भी कहना है कि थार कार को चलाने वाला युवक नशे की हालत में था और हाईवे पर स्टंट कर रहा था। उसके बाद वह नियंत्रण खो बैठा और कार सीधे धार्मिक आयोजन में घुस गई।
UP : मृतकों की पहचान
पुलिस द्वारा जारी प्रारंभिक रिपोर्ट में जिन 6 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हुई है, उनमें 3 महिलाएं और 2 बच्चे शामिल हैं। मृतकों की पहचान निम्न रूप से हुई है:
1. गीता देवी (45)
2. कृष्णा यादव (12)
3. अमिता (8)
4. शिवनारायण पांडे (60)
5. रेखा (35)
6. राजू विश्वकर्मा (28)
इनके अलावा 10 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें वाराणसी और भदोही के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
UP : पुलिस की कार्रवाई
घटना के बाद गोपीगंज थाना पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और राहत-बचाव कार्य शुरू किया गया। भीड़ ने थार कार को रोककर ड्राइवर को पकड़ लिया और जमकर पिटाई कर दी। ड्राइवर की पहचान प्रयागराज निवासी अभिषेक मिश्रा (24) के रूप में हुई है।
पुलिस ने अभिषेक को हिरासत में ले लिया है और उसके खिलाफ हत्या, लापरवाही से गाड़ी चलाने और जानबूझकर नुकसान पहुंचाने की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है।
भदोही एसपी डॉ. अनिल कुमार ने कहा, “हम मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं। ड्राइवर के खून के नमूने भेजे गए हैं ताकि यह पुष्टि की जा सके कि वह नशे में था या नहीं। दोषी को कड़ी सज़ा दिलाई जाएगी।”
UP : स्थानीय लोगों में आक्रोश
घटना के बाद इलाके में भारी तनाव है। स्थानीय लोग सड़क पर उतर आए और एनएच-19 को कई घंटों तक जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाज़ी की और मांग की कि पीड़ित परिवारों को तुरंत मुआवज़ा दिया जाए और आरोपी को सख्त सज़ा मिले।
प्रदर्शनकारियों ने कहा, “हर बार कोई VIP गाड़ी या तेज़ रफ्तार कार आकर हमें कुचल देती है, और सरकार सिर्फ आश्वासन देती है। हमें इंसाफ चाहिए।”
जिलाधिकारी गौरव वर्मा ने मौके पर पहुंचकर हालात को संभाला और घायलों से अस्पताल में मुलाकात की। उन्होंने मीडिया को बताया कि प्रत्येक मृतक के परिजन को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जबकि घायलों को मुफ्त इलाज और 50 हजार रुपये तक की सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
UP : हादसा नहीं, यह एक सबक है
इस हादसे ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या हमारे सड़क सुरक्षा नियम और प्रशासनिक निगरानी पर्याप्त हैं? अगर ड्राइवर वाकई नशे में था, तो यह सिर्फ लापरवाही नहीं बल्कि एक सोची-समझी हत्या के बराबर है।
हर रोज़ भारत की सड़कों पर 400 से ज़्यादा लोग ऐसे ही हादसों में जान गंवाते हैं, लेकिन ऐसे मामलों से कोई सीख नहीं ली जाती। तेज़ रफ्तार, लापरवाही और बिना डर के सड़क पर वाहन चलाना एक खतरनाक संस्कृति बन चुका है।
भदोही की यह दर्दनाक घटना सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि एक चेतावनी है। अगर समय रहते ड्राइविंग की जिम्मेदारियों को गंभीरता से न लिया गया, तो यह आंकड़े सिर्फ बढ़ते जाएंगे।
प्रशासन को न केवल कड़ी सज़ा देनी चाहिए बल्कि ऐसे आयोजनों में सुरक्षा प्रबंधन को भी प्राथमिकता देनी होगी। थार के सामने जो आया, वो कुचलता गया — ये एक लाइन नहीं, बल्कि एक सिस्टम की विफलता की गवाही है।