UP News : उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी को एक नई पहचान दिलाने वाले और 2018 से मीडिया सेंटर की कमान सम्हाल रहे आलोक श्रीवास्तव को कल अचानक कार्यमुक्त कर दिया गया। एजेंसी की ओर से जारी कार्यमुक्त करने के पत्र में कोई स्पष्ट वजह नहीं बताई गई और न ही कोई पूर्व सूचना दी गई.
सनद हो कि अकादमी में दो एजेंसियों द्वारा आउटसोर्सिंग स्टाफ रखा जाता है और सरकार के नियमानुसार प्रत्येक वर्ष एजेंसी का टेण्डर कराया जाना आवश्यक है. लेकिन पिछले 7 वर्षों से किसी एजेंसी का टेंडर नहीं कराया गया है जो सरासर नियमों की अनदेखी है।
जहाँ एक ओर राज्य की सरकार आउटसोर्स कर्मियों के हितों को ध्यान में रख कर नीतियां तैयार करने में लगी हैं, वहीं स्वयं मुख्यमंत्री के अधीन विभाग के एक भ्रष्ट सचिव फाइलों पर कमिशन की मांग को पूरी न कर पाने वाले कर्मचारियों को ठिकाने लगा कर अपने कारनामों को अंजाम देने का रास्ता साफ करने में लगे हैं।
गौरतलब हो कि अभी हाल ही में एक टेंडर प्रक्रिया में नियमों से अवगत कराने वाले नियमित कर्मचारी श्री आमिर और श्री हफीजुर्रहमान के विभाग भी बदले जा चुके हैं और दस वर्षों तक अपनी सेवाएं देने वाले दो अन्य आउटसोर्स कर्मियों को अचानक निष्कासन की सूचना भेज कर सचिव शौकत अली अपने लोगों की भर्ती कर चुके हैं।
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