आदमखोर भेड़िये का आतंक: मां की गोद से मासूम को छीन ले गया, गांव में दहशत, सर्च ऑपरेशन जारी
बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक बार फिर आदमखोर भेड़िये का खौफनाक आतंक सामने आया है। फखरपुर थाना क्षेत्र के रसूलपुर दरेहटा गांव में मंगलवार रात एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब एक भेड़िया घर में घुस आया और मां की गोद से दूध पी रहे मासूम को झपट्टा मारकर उठा ले गया। घटना के बाद पूरे गांव में सनसनी फैल गई है और लोग भय के साये में जीने को मजबूर हैं।
मां के आंचल से छीन लिया मासूम
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रसूलपुर दरेहटा गांव निवासी मनोहर का पुत्र अंश अपनी मां के साथ घर में लेटा हुआ था। मां बच्चे को दूध पिला रही थी। इसी दौरान अचानक एक भेड़िया घर के भीतर घुस आया और पलभर में बच्चे को मां की गोद से छीनकर भाग गया। घटना इतनी अचानक हुई कि मां को संभलने का मौका तक नहीं मिला।
मां ने अपने बच्चे को बचाने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन भेड़िया अत्यंत तेज और ताकतवर था। घना कोहरा होने के कारण वह कुछ ही पलों में आंखों से ओझल हो गया। भेड़िया किस दिशा में गया, यह कोई नहीं देख सका।
चीख-पुकार से गांव में मचा हड़कंप
घटना के तुरंत बाद मां की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे। देखते ही देखते बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए। घटना की सूचना तुरंत फखरपुर थाना पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और हालात का जायजा लिया।
कुछ ही समय में वन विभाग की टीम भी घटनास्थल पर पहुंच गई। पुलिस, वन विभाग और ग्रामीणों ने मिलकर संयुक्त रूप से सर्च ऑपरेशन शुरू किया। खेतों, झाड़ियों और आसपास के जंगलनुमा इलाकों में बच्चे की तलाश की जा रही है, लेकिन खबर लिखे जाने तक मासूम का कोई सुराग नहीं मिल सका है।
पिता पंजाब में करते हैं मजदूरी
बताया गया कि बच्चे के पिता पंजाब में मजदूरी करते हैं। उन्हें फोन के जरिए इस दर्दनाक घटना की सूचना दे दी गई है। घटना के बाद से बच्चे की मां और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव में मातम और भय का माहौल बना हुआ है।
ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में पहले भी भेड़ियों की मौजूदगी देखी गई है, लेकिन इस तरह घर में घुसकर बच्चे को उठा ले जाना बेहद भयावह है।
पूरे गांव में दहशत का माहौल
इस घटना के बाद गांव के लोग बेहद डरे हुए हैं। खासकर छोटे बच्चों वाले परिवारों में गहरी चिंता है। लोग अपने बच्चों को अकेला छोड़ने से डर रहे हैं। रात में घरों के दरवाजे बंद रखने और सामूहिक रूप से पहरा देने की चर्चा भी शुरू हो गई है।
ग्रामीणों का कहना है कि आदमखोर भेड़िये का आतंक अब गांवों तक पहुंच चुका है और यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो ऐसी घटनाएं दोबारा भी हो सकती हैं।
वन विभाग और प्रशासन पर उठे सवाल
घटना के बाद वन विभाग और प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि पहले से भेड़ियों की गतिविधियों पर नजर रखी जाती और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होते, तो शायद इस घटना को रोका जा सकता था।
लोगों ने मांग की है कि क्षेत्र में भेड़ियों की गश्त और निगरानी बढ़ाई जाए, पिंजरे लगाए जाएं और गांवों के आसपास विशेष सतर्कता बरती जाए।
प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती
यह घटना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है। एक ओर मासूम की तलाश जारी है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी जरूरी हो गया है। पुलिस और वन विभाग की टीमें लगातार इलाके में डटी हुई हैं।
अधिकारियों का कहना है कि सर्च ऑपरेशन जारी है और हर संभव प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीणों से भी सतर्क रहने और बच्चों को अकेला न छोड़ने की अपील की गई है।
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