Health : रीढ़ की हड्डी के पास क्यों होता है दर्द? ये किस बीमारी का लक्षण!

Health : आज की तेज़ रफ्तार और बैठने की आदतों से भरी दिनचर्या में रीढ़ की हड्डी यानी स्पाइन से जुड़ी समस्याएं आम होती जा रही हैं। खासकर कमर के निचले हिस्से या पीठ के बीचों-बीच होने वाला दर्द जिसे हम आमतौर पर “रीढ़ की हड्डी के पास दर्द” कहते हैं, ये कई बार सामान्य थकान के कारण होता है, लेकिन अक्सर ये किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है।

Health : रीढ़ की हड्डी के पास दर्द के प्रमुख कारण

1. गलत मुद्रा में बैठना या खड़े होना

लंबे समय तक झुककर काम करना, खराब कुर्सी का इस्तेमाल, या बिना सपोर्ट के लगातार खड़े रहना रीढ़ पर दबाव बनाता है जिससे मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द हो सकता है।

2. स्लिप डिस्क (Herniated Disc)

यह स्थिति तब होती है जब रीढ़ की हड्डियों के बीच मौजूद नरम गद्दीनुमा डिस्क फिसल जाती है। इससे नसों पर दबाव पड़ता है और तेज दर्द महसूस होता है, खासकर कमर और पीठ के हिस्से में।

3. साइयाटिका (Sciatica)

रीढ़ की हड्डी से निकलने वाली प्रमुख नसों में सूजन या दबाव होने पर यह दर्द निचले हिस्से से होते हुए पैरों तक जाता है। यह आमतौर पर एक तरफ होता है और झुकने, खांसने या उठने में और बढ़ जाता है।

4. स्पॉन्डिलाइटिस और स्पॉन्डिलोसिस

ये रीढ़ से जुड़ी पुरानी बीमारियाँ हैं जिसमें रीढ़ की हड्डी में जकड़न, सूजन और लगातार दर्द रहता है। यह अक्सर ऑटोइम्यून कारणों से होता है और युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक को प्रभावित कर सकता है।

5. ऑस्टियोपोरोसिस

हड्डियों की मजबूती कम होने पर रीढ़ की हड्डी कमजोर हो जाती है और हलके झटके से भी उसमें दरार या फ्रैक्चर हो सकता है जिससे तीव्र दर्द होता है।

6. इंफेक्शन या ट्यूमर

रीढ़ की हड्डी में किसी प्रकार का संक्रमण (जैसे ट्यूबरकुलोसिस) या ट्यूमर भी दर्द का कारण हो सकता है। ऐसे मामलों में दर्द के साथ बुखार, वजन घटना या कमजोरी जैसे लक्षण भी दिखते हैं।

Health : कैसे पहचानें कि दर्द सामान्य है या गंभीर?

– दर्द लगातार कई दिनों से हो और आराम करने पर भी ना जाए

– झुकने, उठने या बैठने पर दर्द और बढ़े

– दर्द के साथ सुन्नपन, झुनझुनी या कमजोरी महसूस हो

– बुखार, थकान या वजन तेजी से कम हो रहा हो

– पेशाब या मल त्याग में कठिनाई हो रही हो

अगर इन लक्षणों में से कोई भी आपके साथ है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना ज़रूरी है क्योंकि ये किसी गंभीर न्यूरोलॉजिकल या ऑर्थोपेडिक स्थिति का संकेत हो सकता है।

Health : उपचार और रोकथाम के तरीके

1. सही मुद्रा अपनाएं – बैठते समय कमर को सपोर्ट दें, लंबे समय तक एक ही स्थिति में ना रहें।

2. एक्सरसाइज और योग – रीढ़ की मजबूती के लिए हल्के स्ट्रेचिंग और पीठ की एक्सरसाइज करें।

3. वजन नियंत्रित रखें – अधिक वजन रीढ़ पर दबाव बढ़ाता है जिससे डिस्क की समस्या हो सकती है।

4. फिजियोथेरेपी – यदि दर्द बना रहता है, तो किसी विशेषज्ञ से फिजियोथेरेपी करवाएं।

5. दवा और मेडिकल जांच – डॉक्टर की सलाह से पेन किलर या मांसपेशियों को ढीला करने वाली दवाएं ली जा सकती हैं। जरूरत पड़ने पर MRI या X-ray से जांच कराई जाती है।

Health : दर्द को नज़रअंदाज़ नहीं, समझदारी से करें सामना

रीढ़ की हड्डी के पास होने वाला दर्द सामान्य प्रतीत हो सकता है, लेकिन यह शरीर की ‘लाइफलाइन’ पर दबाव का संकेत हो सकता है।

समय रहते इलाज और सही जीवनशैली अपनाकर इससे बचा जा सकता है। इसलिए अगर पीठ में बार-बार दर्द हो रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लेना टालें नहीं – क्योंकि स्वस्थ रीढ़ ही जीवन की सीधी रेखा है।

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