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रेडिएशन का असर: क्यों युवाओं में तेजी से फैल रहा है थायरॉइड कैंसर

नई दिल्ली: कैंसर दुनियाभर में तेजी से बढ़ती घातक बीमारी है और मौत के प्रमुख कारणों में गिना जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि जिन लोगों के परिवार में पहले से यह बीमारी रही है, उनमें कैंसर का खतरा ज्यादा होता है। लेकिन हाल ही में सामने आई रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि कुछ मेडिकल जांच भी युवाओं में थायरॉइड कैंसर का खतरा बढ़ा सकती हैं।

थायरॉइड कैंसर क्यों है खतरनाक?

थायरॉइड कैंसर, गले के निचले हिस्से में मौजूद थायरॉइड ग्रंथि में होता है। इसमें असामान्य कोशिकाएं तेजी से बढ़ने लगती हैं। इसके लक्षणों में – गर्दन में गांठ या सूजन ,आवाज बैठना, निगलने में परेशानी शामिल हैं। इन लक्षणों को अक्सर सामान्य मानकर नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन समय पर ध्यान न देने पर स्थिति गंभीर हो सकती है।

रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

विशेषज्ञों ने पाया कि बार-बार एक्स-रे और सीटी स्कैन कराने से रेडिएशन एक्सपोजर बढ़ता है, जो थायरॉइड कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है।ब्रिटेन में पिछले 10 सालों में 62% मामलों की वृद्धि दर्ज की गई है और अनुमान है कि 2035 तक ये मामले तीन-चौथाई तक बढ़ जाएंगे। महिलाओं में यह कैंसर पुरुषों की तुलना में लगभग चार गुना ज्यादा देखा गया है।

बच्चों पर सबसे ज्यादा असर

शोध में पाया गया कि जिन बच्चों का सीटी स्कैन हुआ, उनमें आगे चलकर थायरॉइड कैंसर होने का खतरा 40% ज्यादा है। यही वजह है कि डॉक्टर कम उम्र के मरीजों को तब तक सीटी स्कैन न कराने की सलाह देते हैं, जब तक कि यह बेहद जरूरी न हो।

विशेषज्ञों की राय

प्रो. फॉस्टो पलाजो, हैमरस्मिथ अस्पताल (लंदन): “पिछले 25 वर्षों में थायरॉइड कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है और इसमें मेडिकल रेडिएशन का बड़ा हाथ हो सकता है।” अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, युवाओं में बढ़ते पांच प्रमुख कैंसरों में थायरॉइड भी शामिल है।

क्या सावधानी बरतें?

एक्स-रे और सीटी स्कैन जैसी जांच सिर्फ तभी कराएं जब जरूरी हो। लक्षण दिखें तो जल्दी डॉक्टर से परामर्श लें। खानपान और जीवनशैली को संतुलित रखें। पारिवारिक इतिहास हो तो नियमित जांच कराते रहें।

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