Health : आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव एक आम बात हो गई है. काम का बोझ, फैमिली रिस्पांसिबिलिटी और सोशल प्रेशर कई बार इतना परेशान कर देते हैं कि ज्यादातर लोग थकान और कमजोरी महसूस करने लगते हैं.
आयुर्वेद में तनाव को वात विकृति माना जाता है, जो शरीर के तीन मुख्य दोषों (वात, पित्त और कफ) में असंतुलन पैदा करता है.
Health : एड्रिनल थकान होने के लक्षण
- थकान
- कमजोरी
- नींद न आना
- चिड़चिड़ापन
- एकाग्रता में कमी
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- भूख न लगना
- वजन कम होना
Health : आयुर्वेदिक उपाय
1. अश्वगंधा
अश्वगंधा एक प्राचीन जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता रहा है. यह एडाप्टोजेनिक गुणों के लिए जानी जाती है, जिससे तनाव को काफी हद तक कम करने में मदद मिल सकती है. यह कोर्टिसोल के लेवल को कम करता है, जिसे तनाव हार्मोन के रूप में जाना जाता है. इससे चिंता और थकान को कम करने में मदद मिलती है.
2. शतावरी
शतावरी एक अद्भुत जड़ी-बूटी है, जो महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होती है. यह अपने एडाप्टोजेनिक गुण के लिए जानी जाती है, जो शरीर को तनाव से निपटने और हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं. एड्रिनल ग्रंथियां तनाव हार्मोन कोर्टिसोल सहित जरूरी हार्मोन का प्रोडक्शन करती हैं.
शतावरी एड्रिनल ग्रंथियों को सपोर्ट करके और कोर्टिसोल के लेवल को कंट्रोल करती है, जिससे तनाव को कम किया जा सकता है. इससे थकान, चिंता और तनाव-संबंधी लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है.
3. मुलेठी की जड़
मुलेठी एक लोकप्रिय जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता रहा है. यह अपने मीठे स्वाद और कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जानी जाती है. मुलेठी एड्रिनल थकान, एक ऐसी स्थिति जो लंबे समय तक तनाव के कारण होती है.
ऐसे में मुलेठी थकान और कमजोरी महसूस होने पर फायदेमंद साबित हो सकती है. साथ ही गुस्सा, चिड़चिड़ापन जैसे स्थितियों को भी काबू किया जा सकता है.
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