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देहरादून : सुभारती मेडिकल कॉलेज पर बड़ी कार्रवाई, 87.50 करोड़ की वसूली का वारंट जारी

देहरादून : जनपद में बड़े बकायेदारों के खिलाफ चल रहे विशेष वसूली अभियान के तहत जिला प्रशासन ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए सुभारती समूह पर ₹87.50 करोड़ का वसूली/कुर्की वारंट जारी किया है। यह कदम जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर उठाया गया है।

जिलाधिकारी ने साफ कहा है कि बकाया राजस्व की वसूली हर परिस्थिति में सुनिश्चित की जाएगी। कई बार नोटिस दिए जाने के बावजूद भुगतान न होने पर यह सख्त कार्रवाई की गई है। प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में संस्थान के बैंक खातों को सीज करने और संपत्तियों की कुर्की की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है।

जिला प्रशासन के अनुसार, संबंधित संस्थान ने बीते छह वर्षों में करीब 300 छात्रों से पूरी फीस वसूली, जबकि संस्थान के पास आवश्यक बुनियादी ढांचा मौजूद नहीं था। इस गंभीर लापरवाही और अनियमितता के चलते राज्य सरकार पर भारी आर्थिक बोझ पड़ा।

शैक्षणिक सत्र 2017-18 में प्रवेश लेने वाले द्वितीय बैच के 74 छात्रों ने माननीय उच्चतम न्यायालय में सिविल रिट याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान यह सामने आया कि आवश्यक संरचना के अभाव में संस्थान में नियमित शिक्षा संभव नहीं थी।

वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि सभी 300 छात्रों को राज्य के तीन सरकारी मेडिकल कॉलेजों में समायोजित किया जाए और उनसे केवल वही शुल्क लिया जाए जो राजकीय मेडिकल कॉलेजों में निर्धारित है। इस आदेश की पुष्टि 12 अप्रैल 2019 को भी की गई थी।

छात्रों के समायोजन के लिए लगभग एक नए मेडिकल कॉलेज के बराबर ढांचागत सुविधाएं विकसित करनी पड़ीं, जिससे राज्य सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ा। वहीं संस्थान ने बिना सेवाएं प्रदान किए छात्रों से पूरी फीस वसूल की।

चिकित्सा शिक्षा निदेशक ने संस्थान से पूरी राशि की वसूली की संस्तुति जिलाधिकारी को भेजी थी, जिसके आधार पर यह कार्रवाई अमल में लाई गई।

राजस्व वसूली को लेकर सख्ती

जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि “जनता के धन के दुरुपयोग को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों को अपने-अपने तहसील क्षेत्रों में छोटे और बड़े सभी बकायेदारों की सूची तैयार करने और विशेष अभियान चलाकर वसूली सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही तहसीलों से रोजाना प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करना भी अनिवार्य किया गया है।

जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि आवश्यकता पड़ने पर कुर्की, बैंक खाते सीज करने, नोटिस जारी करने सहित अन्य कानूनी कार्रवाई में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

उन्होंने कहा कि विकास कार्यों और सरकारी योजनाओं के लिए जनता से एकत्र किया गया राजस्व बेहद अहम है और किसी भी प्रकार की राजस्व हानि स्वीकार नहीं की जाएगी। जिला प्रशासन पूरी पारदर्शिता और सख्ती के साथ इस अभियान को आगे बढ़ाएगा।

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