UP : उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के वृद्ध और आर्थिक रूप से कमजोर लोक कलाकारों को राहत देते हुए उनकी मासिक पेंशन में 100 प्रतिशत की वृद्धि का ऐलान किया है। अब इन कलाकारों को हर महीने ₹4000 की आर्थिक सहायता मिलेगी, जो पहले ₹2000 थी। यह फैसला योगी सरकार की लोक कला और कलाकारों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
राज्य के पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने हाल ही में आयोजित समीक्षा बैठक में यह जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि जो कलाकार वर्षों से अपनी कला से समाज की सेवा कर रहे हैं, वे सिर्फ प्रशंसा के नहीं बल्कि सम्मान और सुरक्षा के भी हकदार हैं। इसी भावना से पेंशन राशि को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
UP : पेंशन प्रक्रिया पारदर्शी
राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि पेंशन प्रक्रिया पारदर्शी हो। इसके लिए एक डिजिटल सूचना तंत्र विकसित किया जा रहा है, जिसमें सभी पंजीकृत कलाकारों को जोड़ा जाएगा। एक विशेष व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया जा रहा है जिससे कलाकारों तक योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी समय पर पहुंचाई जा सके।
सिर्फ पेंशन ही नहीं, बल्कि योगी सरकार कलाकारों की सुरक्षा के लिए एक ‘कलाकार कल्याण बीमा योजना’ भी शुरू करने जा रही है। इसके तहत राज्य के पंजीकृत कलाकारों को स्वास्थ्य और आकस्मिक दुर्घटनाओं से संबंधित बीमा कवर मिलेगा। यह योजना खास तौर पर उन कलाकारों के लिए राहत लाएगी जो वृद्धावस्था में किसी भी प्रकार की आर्थिक या चिकित्सकीय परेशानी से जूझते हैं।
UP : कलाकारों को आर्थिक तंगी का सामना न करना पड़े
इसके अलावा, सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि जिन कलाकारों को विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल किया जाता है, उन्हें कार्यक्रम से पहले ही 50 प्रतिशत मानदेय अग्रिम रूप से दिया जाएगा। बाकी राशि कार्यक्रम समाप्त होने के एक सप्ताह के भीतर भुगतान की जाएगी। यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि कलाकारों को आर्थिक तंगी का सामना न करना पड़े।
योगी सरकार का यह निर्णय न सिर्फ सामाजिक कल्याण का उदाहरण है, बल्कि यह भी बताता है कि उत्तर प्रदेश सरकार अपनी सांस्कृतिक विरासत को संजोने वाले कलाकारों के जीवनस्तर को बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध है। वृद्ध और गरीब कलाकारों के लिए यह दोगुनी पेंशन न सिर्फ एक आर्थिक सहायता है, बल्कि उनके योगदान को सम्मान देने का एक मजबूत संदेश भी है।
यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकती है, जहां लोक कलाकारों को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। योगी सरकार का यह कदम निश्चित रूप से एक संवेदनशील और दूरदर्शी फैसले के रूप में देखा जा रहा है।
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