UP : उत्तर प्रदेश की सरकार और ऑस्ट्रेलिया के प्रतिष्ठित वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के बीच एक बेहद महत्वपूर्ण समझौता (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। ये समझौता न सिर्फ राज्य की शिक्षा व्यवस्था में अंतरराष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता लाने का वादा करता है, बल्कि युवाओं को दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का भी एक नया रास्ता देता है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मौजूद रहे और उन्होंने कहा, “यह समझौता उत्तर प्रदेश की नई सोच, नए विज़न और ग्लोबल कनेक्ट को दर्शाता है।” उन्होंने इसे शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा कि अब राज्य के युवाओं को इंटरनेशनल एजुकेशन के लिए बाहर जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
इस साझेदारी के तहत वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा में अपना पहला कैंपस खोलेगी। पहले चरण में विश्वविद्यालय कुछ कोर्सेज मौजूदा इन्फ्रास्ट्रक्चर में शुरू करेगा, और बाद में एक पूर्ण विकसित कैंपस के निर्माण के लिए सात एकड़ ज़मीन पर काम किया जाएगा।
UP : सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की योजना
राज्य सरकार ने साफ किया है कि यह साझेदारी सिर्फ पढ़ाई तक सीमित नहीं रहेगी — इसमें स्मार्ट एग्रीकल्चर, जल संरक्षण, रिसर्च, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन पर भी खास ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए एक विशेष ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ बनाने की योजना है, जो स्थानीय किसानों और उद्यमियों को भी लाभ देगा।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और विश्वविद्यालय की उपकुलपति डॉ. डेबोरा स्वीनी ने इस MoU पर हस्ताक्षर किए। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा, कृषि और औद्योगिक विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
इस पहल के ज़रिए उत्तर प्रदेश सरकार ‘हायर एजुकेशन इंसेंटिव पॉलिसी 2024’ को जमीन पर उतार रही है। इस नीति का मकसद है कि राज्य में विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए माहौल तैयार हो, जिससे छात्रों को वैश्विक शिक्षा का अनुभव घर पर ही मिल सके।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि “उत्तर प्रदेश अब सिर्फ खेती, तीर्थ और संस्कृति के लिए नहीं, बल्कि शिक्षा के ग्लोबल हब के रूप में भी जाना जाएगा।”
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