Health : आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में ज़्यादातर लोग घंटों तक कंप्यूटर, मोबाइल या टीवी के सामने बैठे रहते हैं। लंबे समय तक बैठना, झुककर काम करना और गलत ढंग से खड़े रहना हमारी रीढ़ की हड्डी और मांसपेशियों को प्रभावित करता है। इसका सबसे आम नतीजा होता है – खराब पोश्चर।
गलत पोश्चर से न सिर्फ गर्दन, पीठ और कमर में दर्द होता है, बल्कि यह फेफड़ों की कार्यक्षमता, पाचन और मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। अच्छी खबर यह है कि सही आदतों और कुछ आसान उपायों से पोश्चर को सुधारा जा सकता है।
Health : पोश्चर क्यों है ज़रूरी?
पोश्चर मतलब वह तरीका जिससे आप बैठते, खड़े होते या चलते हैं। एक सही पोश्चर में आपकी रीढ़ (spine) का नेचुरल कर्व बना रहता है – गर्दन में हल्का सा झुकाव, पीठ में थोड़ा बाहर की ओर कर्व और कमर में अंदर की ओर झुकाव।
जब आप गलत पोश्चर में रहते हैं, तो इन कर्व्स पर अनावश्यक दबाव पड़ता है जिससे शरीर में थकान, दर्द और तनाव महसूस होता है।
Health : खराब पोश्चर के नुकसान
– पीठ, गर्दन और कंधों में लगातार दर्द
– हड्डियों और मांसपेशियों में असंतुलन
– सांस लेने में तकलीफ
– पाचन संबंधी समस्याएं
– ऊर्जा स्तर में कमी और थकान
– आत्मविश्वास में गिरावट
Health : पोश्चर सुधारने के आसान और असरदार तरीके
1. सजग रहें
पोश्चर सुधारने का पहला और सबसे जरूरी कदम है – जागरूकता। दिनभर में यह ध्यान दें कि आप कैसे बैठते, खड़े होते या झुकते हैं। बार-बार खुद को टोकें – क्या मेरी कमर सीधी है? क्या कंधे झुके हुए हैं? क्या गर्दन आगे निकली हुई है?
2. सही तरीके से बैठना और खड़ा होना सीखें
बैठते समय:
पीठ को सीधा रखें और कंधों को पीछे रखें।
पैरों को फर्श पर सपाट रखें और घुटनों को 90 डिग्री पर मोड़ें।
कमर के पीछे एक छोटा तकिया या रोल रखें ताकि कर्व बना रहे।
खड़े रहते समय:
सिर को सीधा रखें और ठुड्डी को थोड़ा अंदर की ओर खींचें।
पेट को हल्का अंदर की ओर रखें।
कंधों को पीछे और नीचे रखें।
3. मोबाइल और लैपटॉप का सही इस्तेमाल
मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल “टेक नेक” (Tech Neck) की समस्या को बढ़ाता है। मोबाइल को आंखों की सीध में लाएं और गर्दन को झुकाने से बचें। लैपटॉप का स्क्रीन भी आंखों की सीध में होना चाहिए और कीबोर्ड को ऐसे रखें जिससे कंधों को ऊपर-नीचे न करना पड़े।
4. स्ट्रेचिंग और एक्सरसाइज
कुछ सिंपल एक्सरसाइज और स्ट्रेचेज पोश्चर सुधारने में बहुत मदद करते हैं:
चेस्ट ओपनर (Chest Opener): दोनों हाथों को पीठ के पीछे जोड़ें और कंधों को पीछे खींचें।
कैट-काऊ स्ट्रेच (Cat-Cow Stretch): रीढ़ की लचीलापन बनाए रखने के लिए यह योग मुद्रा बहुत उपयोगी है।
वॉल एंजेल्स (Wall Angels): पीठ को दीवार से लगाकर खड़े हों और हाथों से दीवार पर ऊपर-नीचे मूवमेंट करें। यह कंधों और पीठ को मजबूत करता है।
5. कोर मसल्स को मजबूत करें
पेट, पीठ और हिप्स की मांसपेशियां (core muscles) आपके शरीर को सीधा रखने में मदद करती हैं। नियमित रूप से प्लैंक, ब्रिज और पेल्विक टिल्ट जैसी एक्सरसाइज करें।
6. आरामदायक जूते पहनें
असंतुलित या ऊँची एड़ी के जूते शरीर के भार संतुलन को बिगाड़ते हैं, जिससे पोश्चर प्रभावित होता है। कोशिश करें कि आरामदायक और सपोर्टिव जूते पहनें।
7. सोने की मुद्रा का ध्यान रखें
गद्दा बहुत नरम या बहुत सख्त न हो। पीठ के बल या करवट लेकर सोएं और घुटनों के नीचे या बीच में तकिया रखें जिससे रीढ़ सीधी बनी रहे।
सही पोश्चर न सिर्फ आपकी शारीरिक सुंदरता और आत्मविश्वास को बढ़ाता है, बल्कि यह आपको लंबे समय तक दर्द और स्वास्थ्य समस्याओं से बचाता है। जीवनशैली में कुछ छोटे लेकिन जरूरी बदलाव लाकर आप अपने शरीर को एक नई ऊर्जा और संतुलन दे सकते हैं। याद रखें, पोश्चर सुधारना कोई एक दिन का काम नहीं, यह एक अभ्यास है – जितना सजग रहेंगे, उतना फर्क नजर आएगा।
Also Read : Health : सर्दी-खांसी के घरेलू इलाज!