गोवर्धन पूजा पर सीएम योगी ने गोरखनाथ मंदिर में की गौ-सेवा, बोले - भारत की समृद्धि का आधार है गौवंश
गोरखपुर। गोवर्धन पूजा के पावन अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की और गौ-सेवा कर प्रदेशवासियों के लिए समृद्धि और सुख-शांति की कामना की।
मुख्यमंत्री योगी ने इस दौरान कहा कि दीपावली के पंचदिवसीय महापर्व की श्रृंखला में गोवर्धन पूजा का विशेष स्थान है। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारत की कृषि-प्रधान संस्कृति और गौवंश के महत्व को भी दर्शाता है।
"भारत जैसे कृषि-प्रधान देश में गोवर्धन पूजा गौ और गौवंश की उपयोगिता को रेखांकित करती है। यह मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे गौ-पूजन और सेवा का अवसर प्राप्त हुआ।"
गौ-सेवा से जुड़ी योजनाओं का ज़िक्र
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौवंश संरक्षण और संवर्धन को लेकर चल रही विभिन्न योजनाओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि आज गौ आधारित अर्थव्यवस्था को नया आयाम मिल रहा है। उन्होंने बताया कि:
प्रदेश में 16 लाख निराश्रित गौवंश को संरक्षण देने के लिए राज्य सरकार सब्सिडी प्रदान कर रही है।
निराश्रित गोशाला योजना के तहत प्रति गाय ₹1500 प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाती है।
सहभागिता योजना में यदि कोई किसान गौवंश को अपनाता है, तो उसे 4 गायें दी जाती हैं और प्रति माह ₹6000 तक की सहायता मिलती है।
कुपोषित परिवारों को गोशालाओं से गौवंश दिए जाते हैं, जिससे उन्हें दूध और आय दोनों मिल सके।
बायो गैस और इथेनॉल उत्पादन में गौवंश की भूमिका
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से शुरू की गई गोवर्धन योजना के तहत अब गाय के गोबर से बायो-कम्पोस्ट, संपीड़ित बायोगैस और इथेनॉल जैसे उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। इससे गौवंश की उपयोगिता बढ़ी है और किसानों को गोबर का भी आर्थिक मूल्य मिलने लगा है।
"गौवंश केवल पूजा का विषय नहीं है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का एक सशक्त माध्यम है।"
प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ
अंत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को गोवर्धन पूजा की बधाई देते हुए कहा कि धर्म, परंपरा और कृषि के संगम से जुड़ा यह पर्व देश की आत्मा से जुड़ा हुआ है और हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है।
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