दैनिक जीवन में सुरक्षा को लेकर सतर्कता आवश्यक: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुरक्षा के लिए सतर्क रहने और नियमों के पालन को जरूरी बताते हुए कहा कि इनके अनुपालन से हम न सिर्फ खुद के जीवन को सुरक्षित रख सकते हैं बल्कि समाज को भी बड़ी दुर्घटनाओं से बचा सकते हैं। पीएम मोदी ने रेडियो पर प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 41वें संस्करण में कहा कि चार मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दैनिक जीवन में सुरक्षा को लेकर सतर्कता आवश्यक है। इससे न सिर्फ प्राकृतिक आपदाओं के समय जीवन को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी बल्कि दुर्घटनाओं से भी बचा जा सकता है। दैनिक जीवन में सुरक्षा को लेकर अगर हम जागरूक नहीं होते हैं तो फिर आपदा के दौरान इसे पाना मुश्किल हो जाता है।

निजी सुरक्षा को लेकर लोगों से नियमों का पालन करने का आग्रह करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दैनिक जीवन में यदि हम सड़कों के किनारे सुरक्षा को लेकर लिखे गए वाक्यों का अनुसरण भी करें तो भी जीवन को बचाया जा सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सड़कों पर सुरक्षित सफर के लिए सतर्कता हटी-दुर्घटना घटी, एक भूल करे नुकसान, छीने खुशियाँ और मुस्कान, इतनी जल्दी न दुनिया छोड़ो, सुरक्षा से अब नाता जोड़ो, सुरक्षा से न करो कोई मस्ती, वर्ना जिंदगी होगी सस्ती जैसे कई उपयोगी वाक्य लिखे होते हैं।

हमारी कोई-न-कोई गलती का परिणाम होती हैं ज्यादातर दुर्घटनाएँ

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा इन वाक्यों का हमारे जीवन में कभी-कभी कोई उपयोग ही नहीं होता है। प्राकृतिक आपदाओं को अगर छोड़ दें तो ज्यादातर दुर्घटनाएँ, हमारी कोई-न-कोई गलती का परिणाम होती हैं। अगर हम सतर्क रहें, आवश्यक नियमों का पालन करें तो हम अपने जीवन की रक्षा तो कर ही सकते हैं, लेकिन, बहुत बड़ी दुर्घटनाओं से भी हम समाज को बचा सकते हैं। कभी-कभी हमने देखा है कि कार्य क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर बहुत सूत्र लिखे होते हैं लेकिन जब देखते हैं तो कहीं उसका पालन नजर नहीं आता है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “आखिर हमारा’ न्यू इंडिया’’ का सपना यही तो है जहाँ नारी सशक्त हो, सबल हो, देश के समग्र विकास में बराबर की भागीदार हो। उन्होंने स्वमी विवेकानंद का जिक्र करते हुए कहा कि नारीत्व का विचार पूर्ण स्वतंत्रता में निहित है। यह विचार भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति के चिंतन को व्यक्त करता है। इसलिए सामाजिक, आर्थिक जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं की बराबरी की भागीदारी सुनिश्चित करना यह हम सबका कर्तव्य और जिम्मेदारी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *