Uttarakhand : हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट से खुलेगा रोजगार का रास्ता: धामी सरकार!

Uttarakhand : उत्तराखंड सरकार ने राज्य में बिजली संकट को जड़ से खत्म करने और युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराने के लिए जल विद्युत (हाइड्रो पावर) परियोजनाओं को प्राथमिकता देने का फैसला लिया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में ऊर्जा उत्पादन को लेकर एक ठोस रणनीति बनाई गई है, जिसके तहत छोटे और मध्यम स्तर की जल विद्युत परियोजनाओं को तेजी से विकसित किया जाएगा।

Uttarakhand : छोटे प्रोजेक्ट्स से बड़ी उम्मीदें

सरकार की योजना है कि 25 मेगावाट तक की जल विद्युत परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए। इन परियोजनाओं से न केवल स्थानीय स्तर पर बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी, बल्कि हजारों युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।

ऊर्जा विभाग के मुताबिक राज्य में फिलहाल करीब 165 मेगावाट की क्षमता के 14 प्रोजेक्ट्स पर काम जारी है, जिन्हें अगले एक-दो वर्षों में चालू करने का लक्ष्य है।

Uttarakhand : बड़े प्रोजेक्ट्स पर अटकी फाइलें, अब रुख बदला

पिछले कुछ वर्षों से उत्तराखंड के कई बड़े जल विद्युत प्रोजेक्ट पर्यावरणीय स्वीकृति, कानूनी प्रक्रिया और केंद्रीय स्तर की मंजूरी में फंसे हुए हैं।

इन बाधाओं के चलते सरकार ने अब छोटे और मध्यम जल परियोजनाओं पर फोकस करना शुरू किया है ताकि राज्य की ऊर्जा जरूरतों को जल्द पूरा किया जा सके।

इसके लिए विभागीय प्रक्रिया को तेज किया गया है और वन-अनुमति समेत अन्य जरूरी कागजी कार्यवाहियों को ऑनलाइन किया जा रहा है।

Uttarakhand : हाइड्रो पावर पॉलिसी में बदलाव

राज्य सरकार ने हाइड्रो पावर नीति में भी अहम संशोधन किए हैं। नई नीति के अनुसार, 25 मेगावाट तक की परियोजनाओं से उत्पादित बिजली को उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) अनिवार्य रूप से खरीदेगा।

इससे निवेशकों को भी भरोसा मिलेगा और नई परियोजनाओं में पूंजी निवेश बढ़ेगा। इसके अलावा सरकार ने परियोजना संचालन की अवधि को 40 वर्ष तक बढ़ाने का निर्णय भी लिया है।

Uttarakhand : स्थानीय लोगों को मिलेगा सीधा लाभ

इस योजना का एक बड़ा फायदा यह होगा कि निर्माण से लेकर संचालन तक स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता पर रोजगार मिलेगा। पहाड़ी क्षेत्रों में होने वाले इन प्रोजेक्ट्स से वहां की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।

मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि जल विद्युत परियोजनाएं न सिर्फ स्वच्छ ऊर्जा का स्रोत हैं, बल्कि ये राज्य की आर्थिकी को सुदृढ़ करने का जरिया भी बनेंगी।

धामी सरकार का यह प्रयास उत्तराखंड को ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। जहां एक ओर यह बिजली संकट को सुलझाएगा, वहीं दूसरी ओर स्थानीय स्तर पर रोजगार, आर्थिक विकास और पर्यावरणीय संतुलन का भी ध्यान रखा जाएगा। सरकार की नीति स्पष्ट है—स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर राज्य को ऊर्जा और रोजगार में समृद्ध बनाना।

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