UP : जल जीवन मिशन में लापरवाही पर योगी सरकार का बड़ा एक्शन, 183 कर्मियों पर गिरी गाज!

UP : उत्तर प्रदेश में जल जीवन मिशन की सुस्त प्रगति और कार्यों में लापरवाही को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाया है। सीएम योगी ने इस मिशन में अनियमितता और कार्यों की धीमी गति को लेकर बड़ी कार्रवाई करते हुए कुल 183 अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

इनमें कई अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता, अवर अभियंता सहित कनिष्ठ स्तर के कर्मचारी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि जल जीवन मिशन जैसी जनकल्याणकारी योजना में किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा, “जो अधिकारी और कर्मचारी जनता के हितों से खिलवाड़ करेंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। कड़ी कार्रवाई का यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।”

UP : क्या है जल जीवन मिशन?

जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण भारत के हर घर में नल के माध्यम से स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। उत्तर प्रदेश में भी इस योजना पर तेज़ी से काम किया जा रहा है, लेकिन कई जिलों से शिकायतें मिल रही थीं कि कार्य निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरे नहीं हो पा रहे, या फिर गुणवत्ता में समझौता किया जा रहा है।

इस कार्रवाई की जद में आने वाले अधिकारी मिर्जापुर, सोनभद्र, चित्रकूट, बलिया, गोंडा, श्रावस्ती, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, जालौन, हमीरपुर सहित कई जिलों से हैं। इनमें से कई अधिकारियों पर पूर्व में भी चेतावनी दी जा चुकी थी, लेकिन सुधार न आने पर अब बड़ी कार्रवाई की गई है। जल निगम और ग्राम्य विकास विभाग के कई कर्मचारियों को कार्य से हटाया भी गया है।

UP : सीएम का सख्त संदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों और प्रमुख सचिवों को निर्देश दिए हैं कि वे जल जीवन मिशन के कार्यों की नियमित निगरानी करें और साप्ताहिक रिपोर्ट शासन को भेजें। उन्होंने यह भी कहा कि अगर आगे भी लापरवाही मिली, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर निलंबन और सेवा समाप्ति तक की कार्रवाई होगी।

राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि आने वाले महीनों में मिशन को तेज़ी से आगे बढ़ाया जाए। इसके लिए जिलास्तरीय टास्क फोर्स बनाई जा रही है जो योजनाओं की प्रगति पर निगरानी रखेगी। वहीं, गुणवत्ता जांच के लिए स्वतंत्र एजेंसियों की मदद ली जाएगी ताकि पेयजल की शुद्धता और वितरण प्रणाली में कोई खामी न रहे।

यह कार्रवाई एक स्पष्ट संकेत है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य में विकास योजनाओं को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। अब देखने वाली बात होगी कि इस सख्ती के बाद जिलों में जल जीवन मिशन की प्रगति में कितना सुधार होता है।

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