दिल्ली में सफाई अभियान की हकीकत आई सामने, सरकार ने एमसीडी पर उठाए सवाल
नई दिल्ली- दिल्ली को स्वच्छ और कूड़ा मुक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू किए गए दो महीने लंबे अभियान की अब वास्तविकता सामने आने लगी है। दिल्ली सरकार की समीक्षा बैठक में शहरी विकास मंत्री आशीष सूद ने नगर निगम (एमसीडी) के कामकाज पर गंभीर सवाल उठाए और अधिकारियों की लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की।
समीक्षा बैठक की गंभीरता के बावजूद एमसीडी के आयुक्त की अनुपस्थिति ने सरकार को और अधिक असंतुष्ट कर दिया। सूत्रों के अनुसार, मंत्री सूद ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सफाई अभियान को जिस तत्परता और गंभीरता से अंजाम दिया जाना चाहिए था, उसकी झलक ज़मीनी स्तर पर नहीं दिखी। उन्होंने कहा कि जनता को केवल प्रचार नहीं, बल्कि ठोस नतीजे चाहिए।
मंत्री ने निगम के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ महापौर राजा इकबाल सिंह, स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा और नेता सदन प्रवेश वाही की भी तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि गली-मोहल्लों में नियमित सफाई और कूड़ा प्रबंधन की स्थिति बेहद निराशाजनक है।
रिपोर्ट में सामने आया कि कई इलाकों में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण अधूरा है, गीले और सूखे कचरे के पृथक्करण में लापरवाही बरती जा रही है, और रीसाइक्लिंग की प्रक्रिया भी सुचारू नहीं है। इसके अलावा, कूड़ा उठाने के लिए जरूरी संसाधनों जैसे लोडर और अन्य वाहन तक नहीं खरीदे गए हैं।
मंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द सुधार नहीं हुआ तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब समन्वय बैठकें नियमित हो रही थीं तो ज़मीनी स्तर पर कोई प्रभाव क्यों नहीं पड़ा। सरकार द्वारा समय-समय पर मांगी गई प्रगति रिपोर्ट भी समय पर नहीं दी गई, जो प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाता है।
आशीष सूद ने स्पष्ट किया कि दिल्ली को साफ-सुथरा बनाने की प्रतिबद्धता सरकार की प्राथमिकता है, लेकिन यदि एमसीडी ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई तो लापरवाह अधिकारियों को जवाबदेह बनाया जाएगा। अब सरकार एमसीडी से जवाब मांगने और आवश्यक कार्रवाई करने के मूड में है।
Watch Video
Watch the full video for more details on this story.