Shravan Kumar: आज के युग में मां-बाप की सेवा करने वाले बच्चे बहुत कम मिलते है। लेकिन इसी युग में एक ऐसा बेटा भी है जो श्रवण कुमार के नाम से जाना जाता है। जी हां एक ऐसा बेटा जो अपनी बूढ़ी और नेत्रहीन मां को बहंगी में बिठाकर तीर्थ यात्रा करवा रहा है।

जानकारी के मुताबिक, ये पिछले 20 साल से अपनी मां को बहंगी में बिठा कर तीर्थयात्रा करवा रहे है। मां के प्रति इतना स्नेह और सेवाभाव देखकर ऐसा कोई ही होगा जिसकी आखें नही छलकेंगी।
बता दें कि बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर भी ये भाव देखकर बेचैन हो गए और इस युग के श्रवण कुमार को ढुंढकर मदद करने की कोशिश करना चाहते है।
बता दें कि अनुपम खेर ने श्रवण कुमार को खोजने के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए इस शख्स का पता मांगा है। दरअसल अभिनेता इस शख्स की मदद कर इनकी मां के साथ सारी तीर्थ यात्राओं का खर्चा उठाना चाहते हैं।
तस्वीरे देख दुनिया हुई भावुक
बता दें कि यह कहानी सोशल मीडिया से शुरू हुई। जब अनुपम खेर ने वायरल तस्वीर को देखा तो वह बेचैन हो उठे। इस तस्वीर में एक शख्स नेत्रहीन मां को बहंगी में बिठाए नजर आ रहा था।

वहीं तस्वीर के साथ उसके बारे में जानकारी भी दी गई थी। दरअसल शक्स का नाम कैलाश गिरि ब्रह्माचारी बताया जा रहा है। जो कि 20 साल से निस्वार्थ अपनी मां की सेवा कर रहा है।
वहीं जब अनुपम खैर को पूरा पता चला तो वह भावुक हो गए। देखा जाए तो यह कहानी अनुपम खैर को क्या दुनिया के हर उस शख्स को भावुक कर देगी। इसलिए इन्हें मॉडर्न डे के ‘श्रवण कुमार’ कहा जाता है।
अनुपन खैर करना चाहते हैं मदद
आप देख सकते है इस वायरल तस्वीर में कैलाश गिरि उर्फ श्रवण कुमार ने अपने कंधे पर बहंगी उठा रखी है। और बहंगी की एक टोकरी में उन्होंने बूढ़ी मां को बिठाया है और दूसरी टोकरी में सामान रखा है।

इसी फोटो ने अनुपम खैर को बैचेन कर दिया। जिसके बाद उन्होंने वायरल तस्वीर को अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया और लिखा कि, ‘इस तस्वीर के साथ जो कहानी बताई गई है वो दिल छू गई। प्रार्थना करता हूं कि ये सच हो।
अगर किसी को इस शख्स के बारे में कुछ भी पता चले तो मुझे जरूर बताए। @anupamcares इसकी मां के साथ सारी तीर्थ यात्राओं का खर्च उठाने में खुद को सम्मानित महसूस करेगा। ताउम्र कैलाश जहां भी मां के साथ तीर्थ यात्रा करेगा, उसका सारा खर्च मैं उठाऊंगा।’
जानकारी के लिए बता दें कि Anupam Cares अनुपम खेर की एक चैरिटेबल संस्था है, जिसके तहत वह गरीब और जरूरतमन्द बच्चों की शिक्षा मे सहायता करते है। साथ ही संस्था गंभीर बीमारी के शिकार बच्चों और बड़ों का भी इलाज करती है।
हालांकि आज के युग के ‘श्रवण कुमार की कहानी ने सबका दिल छू लिया है। साथ ही कहानी हर युवा को संदेश भी देती है कि मां-बाप से बढ़कर कोई सेवा नही है।