News : केदारनाथ के लिए 7 किलोमीटर लंबी टनल का ब्लू प्रिंट तैयार, सफर होगा और भी सुगम!
News : उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा, जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है, अब और भी सुगम और सुरक्षित होने वाली है। विशेष रूप से केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए भारत सरकार ने एक महत्वाकांक्षी योजना पर अंतिम मुहर लगा दी है - 7 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण।
यह पहल श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और 2013 की त्रासदी के बाद यात्रा मार्ग की चुनौतियों को देखते हुए की गई है। औसत रूप से हर साल 50 लाख श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आ रहे हैं, और केदारनाथ धाम सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। इस बढ़ती संख्या को देखते हुए, केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय का यह कदम बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
News : टनल से मिलेगी चढ़ाई से बड़ी राहत और सुरक्षा
साल 2013 की भीषण आपदा के बाद, केदारनाथ यात्रा मार्ग में बड़े बदलाव किए गए थे, जिससे यह और भी लंबा और दुर्गम हो गया था। आपदा के दौरान और उसके बाद कई श्रद्धालुओं की जान गई थी, और वर्षों तक मार्ग पर कंकाल मिलते रहे थे। इन घटनाओं से सबक लेते हुए, भारत सरकार ने अब केदारनाथ तक सुरंग बनाने की योजना तैयार की है।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिशासी अभियंता ओमकार पांडे के अनुसार, केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने चौमासी से लिनचोली तक पहाड़ का सर्वेक्षण पूरा कर लिया है।
पहले सुरंग का सर्वेक्षण गौरीकुंड से रामबाड़ा तक होना था, लेकिन नए मार्ग का चुनाव सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया गया है। यह सुनिश्चित किया गया है कि प्रस्तावित टनल मार्ग पर कोई भी भूस्खलन या पहाड़ दरकने जैसी घटना नहीं होगी, जिससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
News : बदल जाएगा केदारनाथ तक का सफर
इस 7 किलोमीटर लंबी सुरंग के बनने से केदारनाथ तक का सफर पूरी तरह बदल जाएगा। वर्तमान में श्रद्धालुओं को रामबाड़ा, सोनप्रयाग और गौरीकुंड जैसे पड़ावों से होकर गुजरना पड़ता है, जो अक्सर भीड़भाड़ वाले और चुनौतीपूर्ण होते हैं। टनल के बनने से ये सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी, और पैदल मार्ग की दूरी काफी कम हो जाएगी।
फिलहाल सुरंग का काम कब शुरू होगा, इसकी कोई निश्चित समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है, लेकिन यह निश्चित है कि इसके निर्माण से केदारनाथ तक का सफर बेहद आसान हो जाएगा।
अभी केदारनाथ धाम तक सामान पहुंचाना एक बड़ी चुनौती है, लेकिन टनल के बनने से माल की आवाजाही भी बेहद सुगम हो जाएगी, जिससे धाम में सुविधाओं का स्तर भी बढ़ेगा। इस टनल के लिए सर्वेक्षण वाहनों और पैदल दोनों ही पहलुओं को ध्यान में रखकर किया गया है, जो इसकी उपयोगिता को और बढ़ाता है।
उत्तराखंड सरकार में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि केदारनाथ और बदरीनाथ को लेकर केंद्र सरकार का विजन बेहद अलग है, और प्रधानमंत्री स्वयं यहां के कामों पर नजर रखते हैं। उन्होंने जोर दिया कि टनल से लेकर रोपवे तक, केदारनाथ और बदरीनाथ में होने वाले सभी कार्य दुनिया के सबसे बेहतरीन कार्यों में से एक होंगे। यह दर्शाता है कि परियोजना की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
News : 6 घंटे का सफर होगा कम, 5 किमी की पैदल यात्रा
केदारनाथ के लिए सुरंग बनने के बाद श्रद्धालुओं की गाड़ियां केदारनाथ के बेहद करीब तक जा सकेंगी, जिसके बाद उन्हें मात्र 5 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होगी। इस छोटी सी पैदल दूरी को पूरा करने में लगभग डेढ़ से दो घंटे का समय लगेगा। यह एक बहुत बड़ा बदलाव होगा, क्योंकि टनल बनने से लगभग 6 घंटे का सफर कम हो जाएगा।
साल 2024 में केंद्रीय सड़क मंत्रालय की एक टीम ने इस पूरे क्षेत्र का विस्तृत सर्वेक्षण किया था, और यह पाया था कि यह जगह टनल निर्माण के लिए उपयुक्त है। इसका एक विस्तृत ब्लूप्रिंट भी तैयार कर लिया गया है।
इससे पहले, प्रधानमंत्री कार्यालय ने उत्तराखंड सरकार से भी इस संबंध में जानकारी मांगी थी, जिसकी रिपोर्ट राज्य सरकार ने पीएमओ को भेजी थी। यह दर्शाता है कि यह परियोजना शीर्ष स्तर पर प्राथमिकता में है।
News : रोपवे और नई ग्रामीण सड़कें
केदारनाथ के लिए टनल के अलावा, यात्रा को सुगम बनाने के लिए कई अन्य परियोजनाएं भी चल रही हैं:
* रुद्रप्रयाग-बदरीनाथ हाईवे पर टनल: रुद्रप्रयाग और बदरीनाथ हाईवे को आपस में जोड़ने के लिए 900 मीटर लंबी एक टनल का काम पूरा हो गया है। यह टनल यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को काफी लाभ पहुंचाएगी, जिससे यात्रा समय में कमी आएगी और सुरक्षा बढ़ेगी।
* केदारनाथ रोपवे: भारत सरकार केदारनाथ को रोपवे से जोड़ने के प्रोजेक्ट पर भी तेजी से काम कर रही है। सोनप्रयाग से केदारनाथ तक लगभग 12.9 किलोमीटर के रोपवे प्रोजेक्ट को केंद्रीय कैबिनेट ने 2025 की शुरुआत में ही हरी झंडी दे दी थी।
इस रोपवे के बनने के बाद, श्रद्धालुओं को 18 किलोमीटर की लंबी और कठिन पैदल चढ़ाई की बजाय मात्र 40 मिनट में सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम पहुंचने की सुविधा मिलेगी। इस प्रोजेक्ट के तहत, एक घंटे में लगभग 1800 श्रद्धालु रोपवे से केदारनाथ धाम पहुंच सकेंगे। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का काम 2031 तक पूरा होना है।
* ग्रामीण सड़कों का विस्तार: मॉनसून सत्र के तहत लोकसभा में ग्रामीण विकास मंत्रालय ने उत्तराखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तीसरे चरण के बारे में जानकारी दी।
केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने बताया कि PMGSY-3 के तहत उत्तराखंड को 212 नई सड़कों (2288 किमी) और 9 पुलों की मंजूरी दी गई है। इन नई सड़कों से राज्य के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों को शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि बाज़ारों से बेहतर संपर्क मिलेगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था और जीवन स्तर में सुधार होगा।
यह सभी परियोजनाएं उत्तराखंड में बुनियादी ढांचे के विकास और चारधाम यात्रा को और अधिक सुलभ, सुरक्षित और सुखद बनाने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
Also Read : Kedarnath में रोप-वे प्रोजेक्ट को सरकार ने दी मंजूरी , 9 घंटे का सफर 30 मिनट में होगा पूरा | Nation One
Watch Video
Watch the full video for more details on this story.