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रुद्रप्रयाग की शेखा मेहरा बनीं उत्तराखंड की पहली महिला NIS कबड्डी कोच, खेल इतिहास में रचा नया कीर्तिमान

रुद्रप्रयाग की शेखा मेहरा बनीं उत्तराखंड की पहली महिला NIS कबड्डी कोच, खेल इतिहास में रचा नया कीर्तिमान

उत्तराखंड की बेटियाँ हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं। इसी कड़ी में रुद्रप्रयाग जिले की शेखा मेहरा ने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की है जिससे न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा उत्तराखंड गर्व से भर उठा है। शेखा मेहरा ने उत्तराखंड की पहली महिला NIS (National Institute of Sports) कबड्डी कोच बनने का सम्मान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि राज्य के खेल इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ती है।

लुठियाग (चिरबिटिया) गांव की होनहार बेटी ने बदला खेल परिदृश्य

शेखा मेहरा रुद्रप्रयाग जनपद के जखोली ब्लॉक के लुठियाग (चिरबिटिया) गांव की मूल निवासी हैं। सीमित संसाधनों वाले ग्रामीण वातावरण में पली-बढ़ी शेखा ने अपने जज्बे और मेहनत की बदौलत खेल जगत में अपनी अलग पहचान बनाई।

कबड्डी में रुचि लेने के बाद उन्होंने लगातार संघर्ष किया और धीरे-धीरे राज्य की टॉप खिलाड़ियों में शामिल हो गईं। उनकी मेहनत रंग लाई जब उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (NIS), बेंगलुरु से कबड्डी कोचिंग का प्रतिष्ठित प्रशिक्षण पूरा किया और उत्तराखंड की पहली महिला NIS कबड्डी कोच बनकर इतिहास रचा।

राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं शेखा

कबड्डी में शेखा मेहरा का रिकॉर्ड शानदार रहा है। उन्होंने:

  • अंडर-20 जूनियर बालिका वर्ग में राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व किया

  • दो बार सीनियर महिला वर्ग में भी राष्ट्रीय प्रतियोगिता में राज्य की ओर से उत्कृष्ट प्रदर्शन किया

उनके दमदार प्रदर्शन ने उन्हें प्रदेश की शीर्ष महिला खिलाड़ियों की सूची में शामिल कर दिया। यही अनुभव और खेल की गहरी समझ उन्हें एक बेहतरीन कोच बनाने में सहायक रहा।

बेंगलुरु में पूरा किया NIS प्रशिक्षण

शेखा ने नेताजी सुभाष राष्ट्रीय क्रीड़ा संस्थान, बेंगलुरु से NIS कबड्डी प्रशिक्षण पूरा किया। यह प्रशिक्षण भारत में खेल कोचिंग के सबसे प्रतिष्ठित कोर्स में से एक माना जाता है। कठिन ट्रेनिंग, मेहनत और अनुशासन के चलते शेखा ने यह उपलब्धि हासिल की, जो किसी भी खिलाड़ी के लिए गर्व की बात है।

हरिद्वार नेशनल कैंप में दे रही हैं प्रशिक्षण

वर्तमान में शेखा मेहरा हरिद्वार स्थित नेशनल कैंप में उत्तराखंड की महिला कबड्डी टीम को प्रशिक्षण दे रही हैं। उनकी कोचिंग में कई युवा खिलाड़ी बेहतर खेल कौशल विकसित कर रही हैं। यह न केवल उनके लिए गौरव की बात है, बल्कि पूरे राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है कि एक स्थानिय बेटी अब राज्य की महिला टीम को राष्ट्रीय स्तर के लिए तैयार कर रही है।

संघर्ष से चमकी सफलता—परिवार का मिला बड़ा सपोर्ट

शेखा मेहरा के पिता शैलेंद्र मेहरा, चिरबिटिया डाकघर में पोस्टमास्टर हैं, जबकि उनकी माता मुन्नी देवी एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं। साधारण परिवार से आने वाली शेखा ने हमेशा अपने माता-पिता को अपनी प्रेरणा बताया है। उन्होंने कहा कि माता-पिता के सहयोग ने उन्हें हर चुनौती से लड़ने की शक्ति दी। यही वजह है कि पर्वतीय कठिनाइयों और संसाधनों की कमी के बावजूद वह अपने लक्ष्य तक पहुँच सकीं।

शिक्षा में भी अव्वल—BSc और BPED प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण

शेखा ने न केवल खेल बल्कि शिक्षा में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उन्होंने: केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर से BSc और BPED (बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन) दोनों परीक्षाएँ प्रथम श्रेणी में पास कीं। उनकी यह शैक्षणिक उपलब्धियाँ उन्हें एक योग्य और प्रशिक्षित कोच बनने में मदद करती हैं।

पहाड़ की बेटियों के लिए बनी प्रेरणा

शेखा मेहरा कहती हैं कि—“अगर मन में उद्देश्य साफ हो और मेहनत सच्ची हो, तो पहाड़ की बेटियाँ किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं रहतीं। संघर्ष की निरंतर यात्रा ही सफलता के द्वार खोलती है।” उनकी यह बात आज हजारों लड़कियों को प्रेरित कर रही है जो विभिन्न क्षेत्रों में अपना भविष्य बनाना चाहती हैं।

एसोसिएशन ने दी बधाई

कबड्डी एसोसिएशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह रौथाण और रुद्रप्रयाग जिला कबड्डी एसोसिएशन के अध्यक्ष हरेंद्र बर्त्वाल ने शेखा की उपलब्धि की सराहना करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

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