आजम खां और अब्दुल्ला आजम को दो पैन कार्ड मामले में 7 साल की सजा, सुरक्षा कारणों से जेल बदलने की तैयारी
दो पैन कार्ड मामले में आजम खां और अब्दुल्ला आजम को 7-7 साल की सजा, जेल प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से स्थानांतरण की रिपोर्ट भेजी
समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर की राजनीति के सबसे प्रभावशाली चेहरों में गिने जाने वाले आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को दो पैन कार्ड से जुड़े मामले में अदालत ने सात-सात साल की कठोर सजा सुनाई। फैसले के तुरंत बाद दोनों को जेल भेज दिया गया। वर्षों से कानूनी जाल में उलझा आजम परिवार एक बार फिर सुर्खियों में है, और यह केस उनकी राजनीतिक यात्रा का बड़ा मोड़ माना जा रहा है।
जेल प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से कोर्ट में भेजी विशेष रिपोर्ट
मंगलवार को जेल प्रशासन ने एक अहम रिपोर्ट कोर्ट को भेजी, जिसमें दोनों को दूसरी जेल में स्थानांतरित करने की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि:
जेल में राजनीतिक कैदियों के लिए पर्याप्त उच्च सुरक्षा व्यवस्था नहीं है।
आजम खां और अब्दुल्ला आजम को सुरक्षा खतरा हो सकता है।
बेहतर सुरक्षा वाली जेल में शिफ्ट करना जरूरी है।
इस रिपोर्ट के बाद प्रशासनिक गतिविधियों में अचानक तेजी आ गई है। अधिकारी लगातार बैठकें कर रहे हैं ताकि सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता किया जा सके।
रामपुर की राजनीति में कभी दबदबा, आज कानूनी संकटों में घिरा परिवार
आजम खान उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक समय बेहद मजबूत स्तंभ माने जाते थे। लंबे समय तक रामपुर में उनका प्रभाव निर्विवाद रहा। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से उनके परिवार पर लगातार कानूनी मामलों की आंधी चल रही है।
आजम खां को अब तक 7 मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है, जबकि उनके बेटे अब्दुल्ला को 3 मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है। सजा सुनाए जाने के बाद उनका परिवार एक कठिन दौर से गुजर रहा है।
घर में अब सिर्फ तीन सदस्य, बाकी सभी मामलों में उलझे
आजम खां और अब्दुल्ला के जेल जाने के बाद उनके घर में अब केवल:
पत्नी तज़ीन फातिमा
बड़ा बेटा अदीब खां
बहू सिदरा अदीब
ही रह गए हैं।
तज़ीन फातिमा भी कई मुकदमों में फंसी हुई हैं। उन पर कुल 32 केस दर्ज हैं और एक मामले (जन्म प्रमाण पत्र विवाद) में उन्हें सजा भी हो चुकी है। परिवार की लगभग हर दिशा से कानूनी लड़ाई जारी है और इससे उनका सामाजिक व राजनीतिक दबदबा काफी कमजोर हुआ है।
सजा के बाद पहली रात, बेहद तनाव और बेचैनी में बीती
सूत्रों के अनुसार, आजम खां और अब्दुल्ला की पहली रात जेल में काफी बेचैनी भरी रही। लंबे समय तक राजनीतिक शक्ति और सार्वजनिक प्रभाव रखने वाला यह परिवार अब कानूनी फैसलों के साए में जी रहा है। जेल की कड़ी दिनचर्या और सुरक्षा के बीच दोनों को नई परिस्थितियों के अनुरूप ढलने की कोशिश करनी पड़ रही है।
आजम खां के घर के बाहर पसरा सन्नाटा
कभी उनके निवास स्थान के बाहर भीड़ लगी रहती थी। समर्थक, कार्यकर्ता और नेता रोजाना उनसे मिलने आते थे।
लेकिन सजा सुनाए जाने के बाद वहां:
गेट पर कोई आवाजाही नहीं
कोई कार्यकर्ता नजर नहीं आता
पूरे इलाके में एक अजीब सा सन्नाटा
यह बदलाव आजम परिवार की बदलती राजनीतिक तस्वीर को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
रामपुर की राजनीति पर बड़ा असर
आजम खां रामपुर की राजनीति और समाजवादी पार्टी के सबसे मजबूत मुस्लिम चेहरों में से एक रहे हैं। उनकी सजा का असर: SP की रणनीति पर पड़ेगा। मुस्लिम वोटबैंक में हलचल ला सकता है। रामपुर की सीट पर नया राजनीतिक संतुलन बनेगा। विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बना सकता है।
राजनीति विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले चुनावों में यह केस बड़ा फैक्टर बनेगा। अब आजम परिवार का भविष्य आने वाली सुनवाईयों और अदालतों के फैसलों पर टिका है। परिवार की ओर से जल्द ही ऊपरी अदालत में अपील किए जाने की संभावना है। जेल प्रशासन की सुरक्षा रिपोर्ट पर कोर्ट का क्या रुख रहेगा, यह भी बेहद महत्वपूर्ण होगा।
Watch Video
Watch the full video for more details on this story.











