News : लगातार बढ़ते दबाव और आर्थिक हालात से जूझ रहे पाकिस्तान ने भारत के साथ रिश्तों को पटरी पर लाने की पहल की है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खुले तौर पर कहा है कि पाकिस्तान, भारत के साथ सभी लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत को तैयार है। उन्होंने खास तौर पर कश्मीर विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने की बात दोहराई।
एक प्रेस कांफ्रेंस में बोलते हुए शरीफ ने कहा, “हम अपने पड़ोसी से टकराव नहीं, सहयोग चाहते हैं। बातचीत ही वो जरिया है जिससे कश्मीर समेत सभी मुद्दों का समाधान निकल सकता है।”
उनकी इस टिप्पणी को पाकिस्तान की बदली रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, जो अब टकराव की बजाय संवाद को प्राथमिकता दे रहा है।
News : भारत की सधी हुई प्रतिक्रिया: आतंकवाद से पहले निपटो
भारत ने पाकिस्तान की इस पहल पर प्रतिक्रिया दी, लेकिन बेहद स्पष्ट शब्दों में यह भी कहा कि बातचीत तभी संभव है जब माहौल अनुकूल हो।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, “भारत हमेशा अच्छे पड़ोसी संबंधों का पक्षधर रहा है, लेकिन इसके लिए ज़रूरी है कि सीमा पार से आतंकवाद, घुसपैठ और घृणा का माहौल खत्म हो।”
News : तनाव की ज़मीन से शांति की ओर
पिछले कुछ महीनों में नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी, घुसपैठ और राजनीतिक बयानबाज़ी ने दोनों देशों के रिश्तों को और भी जटिल बना दिया था। लेकिन अब पाकिस्तान की तरफ से आई यह पहल बताती है कि वो क्षेत्र में स्थिरता की दिशा में एक नया रास्ता अपनाने को तैयार है।
पाकिस्तान की यह पहल ऐसे समय पर आई है जब उसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अलग-थलग पड़ने का डर सता रहा है। आर्थिक संकट, कर्ज़ का बढ़ता बोझ और FATF जैसी संस्थाओं की निगरानी ने उसे नरमी दिखाने पर मजबूर कर दिया है। साथ ही, वैश्विक शक्तियां भी चाहती हैं कि दक्षिण एशिया में स्थायित्व बना रहे।
News : क्या वाकई बदलेगा कुछ?
इस पहल के बाद अब सभी की नजरें भारत के अगले कदम पर हैं। क्या पाकिस्तान वाकई अपने पुराने रुख से पीछे हटेगा? क्या भारत भरोसा करेगा? एक बात तय है—शांति का रास्ता आसान नहीं, लेकिन अगर इरादे साफ हों तो नामुमकिन भी नहीं।
शहबाज शरीफ की यह पहल पाकिस्तान की बदली सोच का संकेत है, लेकिन भारत साफ कर चुका है कि शब्दों से ज्यादा उसे जमीनी बदलाव चाहिए। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह बयानबाज़ी सिर्फ दिखावा है या वाकई कोई ठोस शुरुआत होने वाली है।
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