News : भारत बनाम पाकिस्तान : ड्रोन ताकत के मामले में कौन है आगे?

News : भारत और पाकिस्तान के बीच पारंपरिक संघर्षों के बाद अब ड्रोन तकनीक एक नया रणक्षेत्र बन चुकी है। 2025 में दोनों देशों ने निगरानी, हमले और सुरक्षा के लिए ड्रोन तकनीक पर जोर दिया है।

लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर इस दौड़ में कौन आगे है? आइए जानते हैं आंकड़ों और हालिया घटनाओं के आधार पर दोनों देशों की ड्रोन ताकत का विश्लेषण।

News : भारत: संख्या में आगे, तकनीकी आत्मनिर्भरता की तलाश में

भारत के पास फिलहाल लगभग 2,000 से 2,500 ड्रोन हैं। इनमें से अधिकतर ड्रोन निगरानी और सीमावर्ती क्षेत्रों में संचालन के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। भारत ने इज़राइल से Heron और HAROP जैसे अत्याधुनिक ड्रोन हासिल किए हैं और अमेरिका से MQ-9B SeaGuardian ड्रोन भी मिल चुके हैं, जो समुद्री निगरानी में विशेष भूमिका निभाते हैं।

हालांकि भारत ने स्वदेशी ड्रोन निर्माण के क्षेत्र में भी कदम बढ़ाया है। DRDO द्वारा विकसित TAPAS-BH-201 (Rustom-2) और Archer UAV अभी विकास के अंतिम चरण में हैं। लेकिन ये अब तक पूरी तरह से सेना में शामिल नहीं किए गए हैं, जिससे भारत की आत्मनिर्भरता की राह कुछ धीमी प्रतीत होती है।

News : पाकिस्तान: सीमित संख्या, लेकिन उन्नत तकनीक

पाकिस्तान के पास फिलहाल 1,000 से 1,200 के बीच ड्रोन हैं। हालांकि ये संख्या भारत से कम है, लेकिन तकनीकी दृष्टिकोण से पाकिस्तान ने हालिया वर्षों में जबरदस्त छलांग लगाई है। GIDS द्वारा विकसित Shahpar-II और नवीनतम Shahpar-III UCAV, पाकिस्तानी रक्षा प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुके हैं।

इसके अलावा पाकिस्तान ने चीन के साथ मिलकर Wing Loong II ड्रोन का उत्पादन किया है, जो मिसाइल से लैस हैं और लंबी दूरी तक ऑपरेशन में सक्षम हैं। पाकिस्तान ने तुर्की से Bayraktar Akinci जैसे एडवांस UCAV भी प्राप्त किए हैं, जो उच्च ऊंचाई और लंबे समय तक संचालन कर सकते हैं।

News : ड्रोन के खिलाफ सुरक्षा, पाकिस्तान की नई चाल

पाकिस्तान ने हाल ही में Spider नामक एक एंटी-ड्रोन सिस्टम पेश किया है, जो 10 किमी से अधिक दूरी पर दुश्मन ड्रोन के नेविगेशन और कम्युनिकेशन को बाधित करने की क्षमता रखता है। यह सिस्टम पाकिस्तान की एयर डिफेंस क्षमता को एक नया आयाम देता है, और भारत के लिए नई चुनौती बनकर उभरा है।

News : कौन है वास्तव में आगे?

संख्या के लिहाज से भारत ड्रोन की दौड़ में फिलहाल आगे है, लेकिन तकनीकी विकास और स्वदेशी निर्माण में पाकिस्तान ने तेजी से प्रगति की है। चीन और तुर्की जैसे सहयोगियों की मदद से पाकिस्तान ने उन्नत ड्रोन्स के क्षेत्र में मजबूत पकड़ बना ली है। वहीं भारत को अभी भी विदेशी तकनीक पर निर्भर रहना पड़ रहा है।

इस तरह देखा जाए तो जहां भारत अधिक संख्या में ड्रोन रखता है, वहीं पाकिस्तान ने कम संख्या में ही ज्यादा प्रभावशाली और रणनीतिक रूप से उन्नत ड्रोन तैनात किए हैं। आने वाले समय में यह तकनीकी होड़ और भी तीव्र होने की संभावना है, जो दक्षिण एशिया की सामरिक स्थिरता को प्रभावित कर सकती है।

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