News : उत्तराखंड सरकार ने इस साल चारधाम यात्रा को ज्यादा सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में प्रशासन ने तीर्थयात्रियों की सुविधाओं और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिनका उद्देश्य यात्रा को सुगम बनाना है।
राज्य सरकार ने इस बार यात्रा मार्गों पर विशेष ट्रांजिट कैंप स्थापित किए हैं, जहां तीर्थयात्री अस्थायी रूप से ठहर सकेंगे। अगर किसी धाम पर श्रद्धालुओं की संख्या अधिक हो जाती है, तो उन्हें इन कैंप्स में रोककर भीड़ का दबाव कम किया जाएगा। इन केंद्रों में रहने, खाने और प्राथमिक उपचार की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
News : पंजीकरण अनिवार्य, दोनों तरीकों से उपलब्ध
चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण को अनिवार्य कर दिया गया है। श्रद्धालु ऑनलाइन माध्यम से वेबसाइट या ऐप के जरिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं, जबकि हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे स्थलों पर ऑफलाइन सुविधा भी दी जा रही है। इससे यात्रियों की संख्या पर नियंत्रण और ट्रैकिंग आसान हो सकेगी।
यात्रा मार्गों पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। साथ ही सीसीटीवी कैमरों और मॉनिटरिंग सिस्टम के ज़रिए यात्रा की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए विशेष महिला हेल्प डेस्क और महिला सुरक्षाकर्मियों की नियुक्ति भी की गई है।
News : मुख्यमंत्री की सख्त निगरानी
मुख्यमंत्री धामी खुद यात्रा की तैयारियों की नियमित समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी श्रद्धालु को असुविधा न हो और आपात स्थिति में त्वरित राहत पहुंचाई जाए। उनका कहना है कि चारधाम यात्रा सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि राज्य की प्रतिष्ठा का विषय है, और इसे हर हाल में शांतिपूर्ण और सुरक्षित बनाना सरकार की जिम्मेदारी है।
धामी सरकार की इन पहलों से यह साफ है कि इस बार चारधाम यात्रा को सिर्फ एक तीर्थ नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए एक सुरक्षित और यादगार अनुभव बनाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रशासन की सक्रियता और योजनाबद्ध रणनीति यात्रियों को राहत देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
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