News : देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बने कैंची धाम में आगामी नीम करौली बाबा मेले 2025 की तैयारियों को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की।
बैठक में सुरक्षा, ट्रैफिक व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाएं, पार्किंग और सफाई जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि मेला आयोजन में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए और श्रद्धालुओं को हर सुविधा मिले।
News : श्रद्धालुओं की संख्या में भारी इज़ाफ़ा की संभावना
हर साल 15 जून को आयोजित होने वाला कैंची धाम मेला इस बार और भी भव्य और ऐतिहासिक होने की उम्मीद है। 2024 की तुलना में इस बार श्रद्धालुओं की संख्या 20 से 25 प्रतिशत अधिक होने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने प्रशासन को पहले से रणनीति बनाने और सभी विभागों के बीच बेहतर समन्वय बनाए रखने पर बल दिया।
News : मुख्यमंत्री के निर्देशों की मुख्य बातें
मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को मेला क्षेत्र में सुव्यवस्थित और सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित निर्देश दिए:
सुरक्षा व्यवस्था: मेला क्षेत्र और आसपास सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाए। साथ ही, पुलिस और होमगार्ड्स की पर्याप्त तैनाती सुनिश्चित की जाए।
यातायात नियंत्रण: नैनीताल, भवाली और कैंची धाम तक पहुंचने वाले सभी मार्गों पर ट्रैफिक प्लान तैयार किया जाए। भारी वाहनों की आवाजाही को मेला अवधि के दौरान प्रतिबंधित किया जाए।
पार्किंग व्यवस्था: श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए निर्धारित स्थलों पर अस्थायी पार्किंग स्पॉट बनाए जाएं। शटल सेवाओं की व्यवस्था हो ताकि श्रद्धालुओं को मुख्य स्थल तक पहुंचने में कोई परेशानी न हो।
स्वास्थ्य सेवाएं: मेला स्थल पर अस्थायी मेडिकल कैम्प, एम्बुलेंस और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था हो। डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की 24 घंटे ड्यूटी सुनिश्चित की जाए।
स्वच्छता और पेयजल: स्वच्छता व्यवस्था में किसी भी प्रकार की चूक न हो। पर्याप्त संख्या में मोबाइल टॉयलेट्स, डस्टबिन, और स्वच्छता कर्मियों की नियुक्ति की जाए। शुद्ध पेयजल की समुचित व्यवस्था हो।
News : डिजिटल तकनीक का उपयोग
मुख्यमंत्री धामी ने इस बार मेला व्यवस्था को और स्मार्ट बनाने के लिए डिजिटल तकनीक का भी उपयोग करने के निर्देश दिए हैं। भीड़ प्रबंधन, आपातकालीन अलर्ट, और यातायात सूचना के लिए मोबाइल ऐप और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए जानकारी साझा की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान स्थानीय व्यापारियों और निवासियों से भी संवाद करने के निर्देश दिए ताकि आयोजन के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और वे भी इस आयोजन का हिस्सा बन सकें। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि स्थानीय परिवहन और दैनिक जीवन प्रभावित न हो।
News : पर्यावरण संरक्षण पर भी ज़ोर
कैंची धाम जैसे प्राकृतिक स्थल पर मेला आयोजन के दौरान पर्यावरण संतुलन बनाए रखना भी एक बड़ी चुनौती है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि प्लास्टिक उपयोग पर सख्त प्रतिबंध लगाया जाए और “ग्रीन मेला” की अवधारणा को बढ़ावा दिया जाए।
जिलाधिकारी नैनीताल ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि मेला आयोजन की सभी तैयारियों को समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाएगा और नियमित निरीक्षण किया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य और नगर निकाय सभी मिलकर काम कर रहे हैं।
कैंची धाम मेला 2025 सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक, सामाजिक और पर्यटक दृष्टिकोण से अहम पहचान बन चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सक्रियता और निर्देशों से यह स्पष्ट है कि सरकार इस आयोजन को सफल और यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। श्रद्धालुओं से भी अपील की गई है कि वे नियमों का पालन करें और उत्तराखंड की स्वच्छता व संस्कृति को बनाए रखें।