News : उत्तराखंड की धामी सरकार ने प्रदेश की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और अहम पहल की है। राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना’ की शुरुआत कर उन महिलाओं के लिए रोजगार के दरवाजे खोल दिए हैं जो किसी कारणवश अकेली रह गई हैं — जैसे विधवा, परित्यक्ता, या परिजनों से अलग रहने वाली महिलाएं। यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित करने हेतु शुरू की गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य अकेली महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। सरकार चाहती है कि राज्य की महिलाएं खुद का रोजगार शुरू करें, जिससे वे अपने और अपने परिवार का भरण-पोषण सम्मानजनक ढंग से कर सकें। योजना के तहत महिलाओं को न सिर्फ आर्थिक सहायता दी जाएगी, बल्कि उन्हें प्रशिक्षण और व्यवसायिक मार्गदर्शन भी दिया जाएगा।
News : क्या मिलेंगे लाभ?
इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को स्वरोजगार शुरू करने के लिए ऋण सुविधा प्रदान की जाएगी, जिस पर सरकार सुब्सिडी (अनुदान) भी देगी। खास बात यह है कि ये ऋण कम ब्याज दर पर उपलब्ध कराए जाएंगे और व्यवसाय के संचालन में शुरुआती सहयोग के लिए सरकार द्वारा मार्केटिंग, ब्रांडिंग और स्किल ट्रेनिंग का भी प्रावधान किया गया है।
इसके अलावा, सरकार महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) से जुड़ी महिलाओं को भी इस योजना के माध्यम से उद्यमिता की ओर प्रोत्साहित करेगी। प्राथमिकता ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को दी जाएगी, ताकि विकास की रोशनी दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचे।
News : कौन कर सकता है आवेदन?
इस योजना का लाभ वही महिलाएं ले सकेंगी जो उत्तराखंड की स्थायी निवासी हैं और 18 से 50 वर्ष की उम्र के बीच हैं। आवेदनकर्ता महिला को अविवाहित, विधवा, परित्यक्ता या परिवार से अलग रह रही एकल महिला होना अनिवार्य है। आवेदन ऑनलाइन पोर्टल या नजदीकी महिला कल्याण कार्यालय के माध्यम से किया जा सकता है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, योजना के शुभारंभ के कुछ ही हफ्तों में 1200 से अधिक महिलाओं ने आवेदन किया है, जिनमें से लगभग 400 महिलाओं को शुरुआती वित्तीय सहायता भी मिल चुकी है। इसके अलावा कई जिलों में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं, जहां महिलाओं को उद्यमिता और वित्तीय प्रबंधन से जुड़े विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
News : मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “महिलाएं केवल परिवार ही नहीं, समाज की रीढ़ होती हैं। हमारी सरकार का लक्ष्य है कि हर महिला को उसके पैरों पर खड़ा किया जाए। ये योजना उन्हीं प्रयासों का हिस्सा है।”
‘मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना’ उत्तराखंड सरकार का एक सराहनीय कदम है, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। इससे न केवल हजारों महिलाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी।
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