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UP : योगी सरकार विज्ञान-गणित के शिक्षकों को बनाएगी सशक्त, पढ़ें खबर!

UP : उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव की शुरुआत हो रही है। 'लर्निंग बाई डूइंग' (करके सीखना) कार्यक्रम के तहत, राज्य सरकार शिक्षकों को नवाचार और तकनीकी दक्षता से लैस कर रही है, जिसका उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को अधिक व्यावहारिक और प्रभावी बनाना है।

इस महत्वाकांक्षी पहल में समग्र शिक्षा अभियान और पीएम श्री योजना के तहत चयनित विद्यालयों के विज्ञान और गणित शिक्षकों, तकनीकी अनुदेशकों, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET) के मास्टर ट्रेनर्स, और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (KGBV) की शिक्षिकाओं को शामिल किया गया है।

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने इस कार्यक्रम को उत्तर प्रदेश के शिक्षा तंत्र के लिए एक नई दिशा बताया है। उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल शिक्षकों को शिक्षण में कुशल बनाएगी, बल्कि छात्र-छात्राओं को भी प्रयोग आधारित, रुचिकर और तार्किक शिक्षण का अनुभव प्रदान करेगी।

मंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस योजना को 'शिक्षकों के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता में परिवर्तन' के लक्ष्य की दिशा में एक ठोस और सराहनीय कदम बताया।

यह चरणबद्ध आवासीय प्रशिक्षण लखनऊ स्थित उद्यमिता विकास संस्थान और दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान में आयोजित किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण पद्धतियों से अवगत कराकर विद्यार्थियों के लिए कक्षा शिक्षण को अधिक प्रभावी, रोचक और सीखने योग्य बनाना है।

यूनिसेफ और स्टार फोरम-विज्ञान आश्रम द्वारा तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किए जाने वाला यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 5 अगस्त, 2025 से शुरू होकर विभिन्न चरणों में 18 मार्च, 2026 तक चलेगा।

UP : 'लर्निंग बाई डूइंग' मॉडल

'लर्निंग बाई डूइंग' मॉडल पर विशेष बल दिया जा रहा है ताकि विज्ञान और गणित विषयों को समझने की प्रक्रिया को सरल और अनुभवजन्य बनाया जा सके। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, प्रदेश के प्रत्येक जनपद से चयनित विज्ञान विषय के दो प्रवक्ताओं को मास्टर ट्रेनर के रूप में 4 दिवसीय 'ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स' (TOT) प्रशिक्षण दिया जाएगा।

इसके अतिरिक्त, वर्ष 2024-25 में चयनित 2,274 विद्यालयों के विज्ञान और गणित विषय के अध्यापकों और तकनीकी अनुदेशकों को दो दिवसीय विशेष प्रशिक्षण प्राप्त होगा। वर्ष 2025-26 में चयनित 3,288 नवीन विद्यालयों (केजीबीवी समेत) के विज्ञान और गणित शिक्षकों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा।

विद्यालयों और समुदाय के बीच एक मजबूत सेतु बनाने के लिए, प्रत्येक जनपद के जिला समन्वयकों (सामुदायिक सहभागिता) को भी दो और तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिए जाने का प्रस्ताव है।

UP : प्रशिक्षण कार्यक्रम की महत्वपूर्ण तिथियां

प्रशिक्षण कार्यक्रम को कई चरणों में विभाजित किया गया है, जो निम्नलिखित तिथियों पर आयोजित होंगे:

* 1-3 अगस्त 2025: मास्टर ट्रेनर्स का 3 दिवसीय TOT प्रशिक्षण।

* 5-8 अगस्त 2025: मास्टर ट्रेनर्स का 4 दिवसीय प्रशिक्षण।

* 11-14 अगस्त 2025 और 18-21 अगस्त 2025: 2,274 चयनित विद्यालयों के शिक्षकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण।

* 22 अगस्त-18 अक्टूबर 2025 और 3 नवंबर 2025-14 फरवरी 2026: चरणबद्ध जिलावार प्रशिक्षण।

* 16 फरवरी-18 मार्च 2026: 3,288 नवीन विद्यालयों के शिक्षकों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण।

इस प्रशिक्षण में कुल 76 डायट प्रवक्ताओं (मास्टर ट्रेनर्स) की भागीदारी होगी। इसके अलावा, चयनित 2,274 विद्यालयों से अनुमानित 2,074 विज्ञान/गणित शिक्षक और तकनीकी अनुदेशक प्रशिक्षण में भाग लेंगे। वहीं, 3,288 नवीन विद्यालयों (केजीबीवी सहित) से लगभग 1,888 प्रतिभागी प्रशिक्षण में शामिल किए जाएंगे। विशेष रूप से, वर्ष 2025-26 के दौरान केजीबीवी की शिक्षिकाओं को भी इस प्रशिक्षण से जोड़ा जाएगा, जो बालिका शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के शिक्षा परिदृश्य में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है, जहां शिक्षकों को सशक्त कर छात्र-छात्राओं को 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा प्रदान की जा सकेगी। इस पहल से उम्मीद है कि राज्य में सीखने-सिखाने की प्रक्रिया अधिक गतिशील और परिणामोन्मुखी होगी, जिससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सकेगा।

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