Haridwar : घर में चल रही थी नकली नोटों की छपाई, 6 लाख की जाली करेंसी के साथ 3 गिरफ्तार!

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Haridwar : उत्तराखंड के हरिद्वार जिले से एक बड़ी आपराधिक साजिश का पर्दाफाश हुआ है। रुड़की पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को बेनकाब किया है जो घर के भीतर ही नकली नोटों की छपाई कर रहा था।

पुलिस ने छापेमारी कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके कब्जे से करीब 6 लाख रुपये की जाली करेंसी और नोट छापने में उपयोग किए जाने वाले उपकरण बरामद किए गए हैं। इस पूरे मामले में पांच अन्य आरोपी फिलहाल फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है।

Haridwar : कैसे हुआ खुलासा?

इस सनसनीखेज मामले की नींव एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल के एक इनपुट पर पड़ी, जिन्होंने पहले भी कैसिनों प्रकरण में बड़ी कार्रवाई की थी। इसी सूचना के आधार पर रुड़की पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक मकान में चल रही नकली नोटों की छपाई को रंगे हाथ पकड़ लिया।

सूचना के मुताबिक, आरोपी बाजार में जाली करेंसी खपाने की तैयारी में थे, लेकिन पुलिस ने समय रहते छापा मारकर पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ कर दिया।

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News : गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान

पुलिस द्वारा पकड़े गए तीनों आरोपी अलग-अलग जिलों और राज्यों से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन मिलकर इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दे रहे थे। इनकी पहचान इस प्रकार की गई है:

  1. बालेश्वर उर्फ बाली – पुत्र रघुवीर सिंह, निवासी भोटावाली, पांवटा साहिब, जिला सिरमौर (हिमाचल प्रदेश)। फिलहाल ग्राम हरीपुर, हरबर्टपुर, विकासनगर, देहरादून में रह रहा था।
  2. मनीष कुमार – पुत्र स्वर्गीय लेखपाल, निवासी कुडीनेत वाला, रायसी, कोतवाली लक्सर।
  3. हिमांशु – पुत्र पलटूराम, निवासी वर्ल्ड बैंक कॉलोनी, रुड़की।

इन तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है।

News : क्या मिला पुलिस को?

पुलिस टीम ने मौके से बड़ी मात्रा में नकली नोटों के साथ-साथ अत्याधुनिक प्रिंटर, स्कैनर, नकली नोट छापने वाला पेपर, इंक और सॉफ्टवेयर से लैस कंप्यूटर सिस्टम भी बरामद किया है। जाली करेंसी में ₹500 और ₹200 के नोट शामिल हैं, जिनकी कुल कीमत करीब 6 लाख रुपये है।

इन नोटों की बनावट इतनी हूबहू असली जैसी थी कि पहली नजर में किसी को शक नहीं होता। हालांकि, रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए सुरक्षा फीचर्स की बारीकियों की कमी के चलते असलियत पकड़ में आ गई।

इस गिरोह में शामिल पांच अन्य आरोपी फरार बताए जा रहे हैं, जिनकी पहचान पुलिस ने कर ली है। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कई टीमें उत्तराखंड और आसपास के राज्यों में दबिश दे रही हैं। पुलिस का मानना है कि यह गिरोह एक व्यापक नकली करेंसी नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है।

News : बाजार में खपाने की थी तैयारी

पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ है कि आरोपी इन नोटों को स्थानीय दुकानों, साप्ताहिक बाजारों और छोटे व्यापारियों के माध्यम से बाजार में खपाने की योजना बना रहे थे। नकली नोटों को असली सामान या नकद में बदलने के लिए गिरोह की खास रणनीति थी, जिसमें छोटे लेन-देन का उपयोग होता।

यह गिरोह इंटरनेट से नोटों की डिज़ाइन और सुरक्षा फीचर्स डाउनलोड करता था और उन्हें फोटोशॉप जैसे एडिटिंग सॉफ्टवेयर की मदद से हूबहू कॉपी करता था। फिर इन डिजाइनों को हाई रेजोल्यूशन प्रिंटर से छापकर नोट तैयार किए जाते थे। सुरक्षा धागा, वाटरमार्क और रंग बदलने वाली स्याही की नकल करने की भी कोशिश की जा रही थी।

एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल ने कहा, “रुड़की पुलिस की ये कार्रवाई नकली नोटों के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस नीति का प्रमाण है। हमने चलन में आने से पहले ही इस जाली करेंसी को पकड़ लिया, जो बड़ी कामयाबी है। इस नेटवर्क के पीछे और कौन लोग हैं, इसकी जांच तेजी से जारी है।”

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News : आईपीसी की धाराओं में केस दर्ज

गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 489A (नकली नोट बनाना), 489B (नकली नोट चलाने की कोशिश), 489C (नकली नोट रखने का अपराध) और 120B (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन धाराओं के तहत आरोपियों को 10 साल से अधिक की सजा हो सकती है।

हरिद्वार पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि नकली नोटों की पहचान करने की जानकारी रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। बैंक से प्राप्त नोटों में सुरक्षा फीचर्स जैसे वाटरमार्क, सिक्योरिटी थ्रेड और रंग बदलने वाली स्याही अवश्य जांचें।

रुड़की में नकली नोट छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़ पुलिस की एक बड़ी सफलता है। इस कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि तकनीक का गलत इस्तेमाल कर कुछ लोग देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की साजिश में लगे हैं। हालांकि, पुलिस की सतर्कता और समय रहते की गई कार्रवाई ने एक बड़ा आर्थिक अपराध होने से रोक दिया। आने वाले समय में इस रैकेट से जुड़े और भी खुलासे होने की संभावना है।

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