Dehradun : उत्तराखंड की राजनीति एक बार फिर विवादों में घिर गई है। कांग्रेस के स्थानीय नेता जितेंद्र सिंह पर एक महिला पत्रकार ने अश्लील वीडियो भेजने और आपत्तिजनक व्यवहार का गंभीर आरोप लगाया है।
यह मामला सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है, वहीं कांग्रेस पार्टी ने आरोपी नेता से दूरी बना ली है और खुद को मामले से अलग बताया है।
Dehradun : क्या है पूरा मामला?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, देहरादून में कार्यरत एक निजी चैनल की महिला पत्रकार ने पुलिस को शिकायत दी है कि कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह ने उसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील वीडियो और आपत्तिजनक मैसेज भेजे। पत्रकार ने बताया कि जब उसने इसका विरोध किया, तो नेता ने उसे धमकाने की भी कोशिश की।
महिला पत्रकार का कहना है कि वह बीते कुछ समय से राजनीतिक रिपोर्टिंग कर रही थी और कई बार नेता से संपर्क हुआ, लेकिन उन्होंने पेशेवर संबंधों का गलत फायदा उठाने की कोशिश की।
Dehradun : पुलिस में दर्ज हुई शिकायत
पीड़िता की शिकायत के आधार पर देहरादून कोतवाली पुलिस ने जितेंद्र सिंह के खिलाफ IPC की धारा 354A (यौन उत्पीड़न), 506 (धमकी देना) और IT एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली है। पुलिस ने आरोपी नेता के मोबाइल और चैट्स की फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी है।
देहरादून के एसपी सिटी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच टीम गठित की गई है। पीड़िता के बयान दर्ज कर लिए गए हैं और आगे की जांच में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की भी भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
Dehradun : कांग्रेस पार्टी ने झाड़ा पल्ला
जैसे ही मामला सार्वजनिक हुआ, कांग्रेस प्रदेश नेतृत्व ने तत्काल प्रेस बयान जारी कर कहा कि पार्टी ऐसे किसी भी अनैतिक आचरण का समर्थन नहीं करती और यदि कोई नेता दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा ने कहा, “हमारी पार्टी महिला सशक्तिकरण और सम्मान की पक्षधर है। यदि जितेंद्र सिंह ने ऐसा कोई कृत्य किया है तो वह पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से स्वतः निलंबित माने जाएंगे। जांच पूरी होते ही आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।”
पार्टी के इस रुख को देखते हुए साफ है कि कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर सतर्क है और सार्वजनिक छवि को बचाने की कोशिश में जुटी है।
Dehradun : राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज
इस मामले को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है। भाजपा प्रवक्ता सुरेश जोशी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आंतरिक रूप से महिलाओं की सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं है और पार्टी नेताओं को संरक्षण देना उनकी पुरानी आदत रही है।
वहीं, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कानून को अपना काम करने देना चाहिए और किसी भी निष्कर्ष पर जांच से पहले नहीं पहुंचना चाहिए।
Dehradun : महिला आयोग की प्रतिक्रिया
उत्तराखंड राज्य महिला आयोग ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि महिला पत्रकारों के साथ ऐसा व्यवहार अस्वीकार्य है।
आयोग की एक टीम पीड़िता से संपर्क में है और यदि जरूरत पड़ी तो आयोग खुद भी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगा।
Dehradun : सोशल मीडिया पर नाराजगी
सोशल मीडिया पर यह मामला वायरल होते ही जनता की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। लोगों का कहना है कि राजनीति में बैठे लोगों को जिम्मेदार आचरण करना चाहिए, खासकर तब जब वे समाज के प्रतिनिधि होते हैं।
महिला पत्रकारों से जुड़ी संस्थाओं और संगठनों ने भी इस घटना की निंदा की है और मांग की है कि आरोपी को जल्द से जल्द सज़ा मिले, ताकि मीडिया से जुड़ी महिलाओं को सुरक्षित कार्यस्थल मिल सके।
उत्तराखंड में सामने आया यह मामला न सिर्फ राजनीतिक बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी चिंताजनक है। जहां एक ओर एक महिला पत्रकार की गरिमा पर हमला हुआ है, वहीं राजनीतिक दलों की छवि भी दांव पर लगी है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जांच में कितनी तेजी लाई जाती है और कांग्रेस पार्टी अपने नेता के खिलाफ क्या ठोस कदम उठाती है। वहीं, समाज और मीडिया से जुड़े लोगों की नज़रें इस पर टिकी हैं कि क्या महिला पत्रकार को न्याय मिलेगा या फिर यह मामला भी अन्य कई मामलों की तरह समय के साथ ठंडा पड़ जाएगा।
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