Uttarakhand : उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार श्रमिकों के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में रविवार को राजधानी देहरादून में एक प्रमुख श्रमिक सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिस्सा लिया।
सम्मेलन में उन्होंने न केवल सरकार की ओर से चलाई जा रही श्रमिक हितैषी योजनाओं की जानकारी दी, बल्कि श्रमिक वर्ग को समाज की रीढ़ बताते हुए उन्हें केंद्र में रखकर विकास के एजेंडे पर चलने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।
Uttarakhand : श्रमिकों की मेहनत ही राज्य की प्रगति का आधार: सीएम धामी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की तरक्की में श्रमिकों की भूमिका बेहद अहम है। उन्होंने कहा, “श्रमिक सिर्फ ईंट, पत्थर और सीमेंट नहीं जोड़ते, वे राज्य के भविष्य की नींव रखते हैं। उनकी मेहनत ही उत्तराखंड को आगे बढ़ा रही है।”
सीएम धामी ने मंच से यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार का उद्देश्य सिर्फ योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि धरातल पर उनके प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना है ताकि श्रमिकों को उनके हक और सम्मान दोनों मिल सकें।
Uttarakhand : मुख्यमंत्री ने गिनाईं सरकार की प्रमुख योजनाएं
सीएम धामी ने श्रमिकों के हित में चलाई जा रही प्रमुख योजनाओं का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि—
- मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा योजना के तहत पंजीकृत श्रमिकों को चिकित्सा सहायता, मातृत्व लाभ, बच्चों की शिक्षा, आवास अनुदान, दुर्घटना बीमा जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।
- श्रमिक पंजीकरण अभियान चलाकर अब तक लाखों असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सरकारी योजनाओं से जोड़ा गया है।
- ई-श्रम पोर्टल के माध्यम से श्रमिकों की पहचान डिजिटल रूप से की जा रही है, जिससे उन्हें सरकारी सहायता का सीधा लाभ मिल सके।
- प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना में अब तक हजारों श्रमिकों का पंजीकरण हुआ है, जिनकी वृद्धावस्था के लिए ₹3,000 प्रतिमाह पेंशन सुनिश्चित की जा रही है।
Uttarakhand : श्रमिकों के लिए बनाई गई विशेष हेल्पलाइन
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राज्य सरकार ने श्रमिकों की शिकायतों, समस्याओं और सुझावों को सुनने के लिए विशेष हेल्पलाइन भी शुरू की है। इसके जरिए श्रमिक अपने अधिकारों, रजिस्ट्रेशन या योजना संबंधी किसी भी दिक्कत को सीधे अधिकारियों तक पहुंचा सकते हैं।
धामी ने कहा, “सरकार श्रमिकों की समस्याओं के समाधान के लिए 24×7 काम कर रही है। हम सिर्फ योजनाएं घोषित नहीं करते, उन्हें जमीनी हकीकत में बदलते हैं।”
Uttarakhand : श्रमिकों के बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएगी सरकार
मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को अब उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति दी जाएगी। साथ ही कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए राज्य सरकार और निजी संस्थानों के साथ मिलकर विशेष कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ताकि श्रमिकों के युवा बच्चे भी रोजगार के लिए आत्मनिर्भर बन सकें।
उन्होंने कहा, “हम श्रमिक परिवारों के सपनों को अधूरा नहीं रहने देंगे। उनके बच्चों को भी अच्छे स्कूल, कॉलेज और प्रशिक्षण का हक है।”
Uttarakhand : अभी तक की उपलब्धियां: सीएम ने साझा किए आंकड़े
धामी ने कहा कि उनकी सरकार के कार्यकाल में अब तक—
- 3.5 लाख से ज्यादा श्रमिकों का पंजीकरण किया गया है।
- 70 हजार से अधिक श्रमिक परिवारों को चिकित्सा सहायता दी गई है।
- 50 हजार से ज्यादा बच्चों को छात्रवृत्ति मिल चुकी है।
- 15 हजार श्रमिकों को कौशल विकास प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा गया है।
- कोविड के दौरान 1.2 लाख श्रमिकों को आर्थिक राहत दी गई।
Uttarakhand : राज्य निर्माण में श्रमिकों की भूमिका अमूल्य: सीएम
सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड के निर्माण में श्रमिकों का योगदान अविस्मरणीय है। “चाहे वह सड़क हो, पुल हो, सरकारी इमारत हो या गांव-शहर की बुनियादी संरचना—हर ईंट के पीछे एक श्रमिक का पसीना है।” उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार उनकी मेहनत का पूरा मूल्य देगी और उन्हें किसी भी हाल में उपेक्षित नहीं होने देगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणाएं यह स्पष्ट करती हैं कि उनकी सरकार राज्य के श्रमिक वर्ग को सिर्फ एक वोट बैंक नहीं, बल्कि विकास की धुरी मानती है। योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से न केवल श्रमिकों का जीवन स्तर बेहतर होगा, बल्कि राज्य की समग्र सामाजिक-आर्थिक तस्वीर भी मजबूत होगी।
सरकार का यह श्रमिक-केन्द्रित दृष्टिकोण उत्तराखंड को “सशक्त राज्य – सशक्त श्रमिक” की दिशा में तेजी से अग्रसर कर रहा है।
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