यूपी-उत्तराखंड में 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर विवाद से बवाल, कई जिलों में झड़पें और गिरफ्तारियां
लखनऊ/कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर, उन्नाव, लखनऊ, बरेली समेत कई जिलों और उत्तराखंड के काशीपुर में ‘आई लव मोहम्मद’ बैनर को लेकर तनाव फैल गया। बारावफात जुलूस के दौरान लगे इन बैनरों पर आपत्ति जताए जाने के बाद मामला बिगड़ गया। कहीं पुलिस ने लाठीचार्ज किया, तो कहीं भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। वहीं कई जगह शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन भी हुए। पुलिस ने कई जिलों में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
कानपुर: जश्न-ए-चिरागा में बढ़ा विवाद
रावतपुर के सैयद नगर में बारावफात जुलूस के दौरान आई लव मोहम्मद का बोर्ड लगाने से विवाद शुरू हुआ।
हिंदू संगठनों के विरोध और बैनर फाड़ने के बाद पुलिस ने 25 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
विरोध में मुस्लिम समुदाय के लोग शारदा नगर में जुलूस निकालकर केस वापस लेने की मांग करने लगे।
उन्नाव: पुलिस पर पथराव
गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र के मनोहर नगर में बिना अनुमति जुलूस निकालने पर पुलिस ने रोका।
भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया और कोतवाली प्रभारी पर हमला किया।
पुलिस ने लाठियां भांजकर भीड़ को तितर-बितर किया और 6 लोगों को गिरफ्तार किया।
बरेली: आईएमसी नेता की धमकी
किला थाना क्षेत्र में बैनर हटाने पर विवाद हुआ।
इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के नेता डॉ. नफीस का वीडियो वायरल हुआ जिसमें वे इंस्पेक्टर को धमकी देते दिखे।
पुलिस ने डॉ. नफीस के खिलाफ केस दर्ज किया।
लखनऊ: महिलाओं का विरोध प्रदर्शन
कानपुर में दर्ज एफआईआर के खिलाफ महिलाओं ने विधानभवन के बाहर प्रदर्शन किया।
आई लव मोहम्मद लिखी तख्तियां लेकर नारेबाजी की और पुलिस से भिड़ गईं।
पुलिस ने सभी महिलाओं को हिरासत में लेकर इको गार्डन छोड़ा।
प्रदर्शन का नेतृत्व सपा नेता सुमैया राना ने किया।
कैसरगंज: 350 पर मुकदमा
बड़ी संख्या में लोग पोस्टर और बैनर लेकर लखनऊ-बहराइच मार्ग पर उतरे।
पुलिस ने 5 नामजद और 350 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया।
सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।
काशीपुर (उत्तराखंड): लाठीचार्ज और हिरासत
मोहल्ला अली खां में बिना अनुमति जुलूस निकालने पर पुलिस ने रोका।
युवकों ने पथराव और पुलिस से धक्का-मुक्की की।
पुलिस ने लाठीचार्ज कर 8-10 युवकों को हिरासत में लिया।
सरकार का बड़ा निर्देश
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद नया निर्देश जारी किया है—
एफआईआर और गिरफ्तारी मेमो में जाति का उल्लेख हटाया जाएगा।
माता-पिता के नाम जोड़े जाएंगे।
थानों और वाहनों से जातीय संकेत हटेंगे।
जाति आधारित रैलियों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
सोशल मीडिया पर सख्त निगरानी रखी जाएगी।
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