News : टेक दिग्गज Google ने YouTube प्लेटफॉर्म के नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाने के उद्देश्य से नई नीतियों की घोषणा की है।
इन नए दिशा-निर्देशों का प्रभाव वैश्विक स्तर पर करोड़ों बच्चों और उनके अभिभावकों पर पड़ेगा। यह कदम बच्चों की डिजिटल दुनिया में बढ़ती सक्रियता और उनके डेटा की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
News : क्या है नया नियम?
Google ने घोषणा की है कि YouTube अब बच्चों को लक्षित करके दिखाए जाने वाले विज्ञापनों पर सख्त नियंत्रण करेगा। इसके तहत 13 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बनाए गए कंटेंट पर अब पर्सनलाइज्ड ऐड्स (Personalized Ads) नहीं दिखाए जाएंगे।
साथ ही, बच्चों के देखने के अनुभव को सुरक्षित बनाने के लिए प्लेटफॉर्म पर कुछ नए पैरेंटल कंट्रोल फीचर्स भी जोड़े जाएंगे।
इस नियम का मुख्य उद्देश्य बच्चों की गोपनीयता की रक्षा करना और उन्हें अनुचित सामग्री से दूर रखना है। कंपनी का कहना है कि ये बदलाव आने वाले कुछ महीनों में पूरी तरह से लागू कर दिए जाएंगे।
News : Google की आधिकारिक घोषणा
Google ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा, “हम मानते हैं कि बच्चों के लिए एक सुरक्षित और सकारात्मक डिजिटल अनुभव सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है। हम YouTube पर बच्चों को लक्षित कंटेंट के लिए अपनी नीतियों को लगातार मजबूत कर रहे हैं और अब हम विज्ञापनों और डेटा कलेक्शन के तरीकों में बदलाव कर रहे हैं।”
News : इन बदलावों का क्या होगा असर?
- कंटेंट क्रिएटर्स पर असर:
YouTube पर बच्चों के लिए कंटेंट बनाने वाले क्रिएटर्स को अब अपनी वीडियो में विज्ञापनों से उतनी आमदनी नहीं होगी जितनी पहले होती थी, क्योंकि पर्सनलाइज्ड ऐड्स प्रतिबंधित होंगे। इससे उनके रेवेन्यू मॉडल पर असर पड़ेगा। - बच्चों की प्राइवेसी होगी मजबूत:
अब बच्चों की गतिविधियों को ट्रैक नहीं किया जाएगा, जिससे उनके डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। बच्चों की ऑनलाइन आदतों और रुचियों के आधार पर अब ऐड्स टारगेट नहीं होंगे। - अभिभावकों को मिलेगा अधिक नियंत्रण:
नई सेटिंग्स के जरिए पेरेंट्स यह तय कर पाएंगे कि उनका बच्चा क्या देख सकता है, कितनी देर देख सकता है और कौन से चैनल्स तक पहुंच होनी चाहिए। इससे बच्चों के लिए कंटेंट का एक्सेस और अधिक नियंत्रित होगा। - YouTube Kids को भी किया गया अपडेट:
YouTube Kids ऐप को और अधिक सुरक्षित और एजुकेशनल बनाया गया है। इसमें अब एज वाइज प्रोफाइल, स्क्रीन टाइम लिमिट और कंटेंट फिल्टरिंग जैसे फीचर्स जोड़े गए हैं, ताकि बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार सही कंटेंट मिले।
News : पिछले मामलों का प्रभाव
गौरतलब है कि इससे पहले भी Google और YouTube को बच्चों की गोपनीयता के उल्लंघन के मामलों में भारी जुर्माना भरना पड़ा था।
साल 2019 में अमेरिका की Federal Trade Commission (FTC) ने YouTube पर बच्चों के डेटा को बिना अनुमति के इकट्ठा करने और उसका इस्तेमाल विज्ञापन दिखाने के लिए करने के आरोप में 170 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया था।
News : विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
डिजिटल राइट्स एक्सपर्ट्स ने Google के इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह एक सकारात्मक दिशा में बड़ा कदम है, जिससे बच्चों की डिजिटल सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जा रही है।
डिजिटल नीति विशेषज्ञ अंजलि मिश्रा कहती हैं, “बच्चों को अनजाने में ही डिजिटल दुनिया का हिस्सा बना दिया जाता है। यह नियम उनके निजी डेटा की सुरक्षा और डिजिटल भलाई के लिए बेहद जरूरी है।”
News : क्या कहते हैं अभिभावक?
अभिभावकों ने भी इस बदलाव को सराहा है। उनका मानना है कि इससे उन्हें अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर बेहतर नियंत्रण मिलेगा। साथ ही, उन्हें यह भी भरोसा मिलेगा कि उनके बच्चे किसी हानिकारक या अनावश्यक कंटेंट से दूर रहेंगे।
YouTube द्वारा किए गए इन बदलावों को वैश्विक स्तर पर लागू किया जाएगा और इसके लिए क्रिएटर्स और यूजर्स को ईमेल और नोटिफिकेशन के माध्यम से सूचित किया जा रहा है। कंपनी का कहना है कि वह आगे भी बच्चों की सुरक्षा और ऑनलाइन अनुभव को बेहतर बनाने के लिए नए फीचर्स और टूल्स लाती रहेगी।
Google का यह फैसला बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा और स्वागत योग्य कदम है। जहां एक ओर यह बच्चों की प्राइवेसी की रक्षा करता है, वहीं दूसरी ओर अभिभावकों को बच्चों के डिजिटल जीवन पर अधिक नियंत्रण देने का काम करता है। हालांकि, कंटेंट क्रिएटर्स को इससे झटका लग सकता है, लेकिन बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से यह बदलाव एक जिम्मेदार और जरूरी फैसला है।
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