नीरज चोपड़ा स्विट्जरलैंड में रिकवरी मोड पर, बोले— ‘हर चुनौती ने मुझे मजबूत बनाया’
भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा इन दिनों स्विट्जरलैंड में हैं, जहां वे अगले एथलेटिक सीजन की तैयारी से पहले रिकवरी और पुनर्संतुलन पर ध्यान दे रहे हैं। टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक और पेरिस ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले नीरज का कहना है कि यह साल भले ही कठिन रहा हो, लेकिन इसने उन्हें पहले से कहीं अधिक मजबूत बना दिया है।
नीरज ने ज्यूरिख से बातचीत में कहा, “यह सीजन मेरे लिए चुनौतीपूर्ण जरूर था, लेकिन हर प्रतियोगिता ने मुझे कुछ नया सिखाया। मैं गर्व महसूस करता हूं कि मैंने हर परिस्थिति में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की।”
इस साल की शुरुआत में दोहा मीट में 90 मीटर की दूरी पार करने वाले नीरज विश्व चैम्पियनशिप में हालांकि 84.03 मीटर के थ्रो के साथ आठवें स्थान पर रहे। बावजूद इसके वे निराश नहीं हैं। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “बेहतर करने की गुंजाइश हमेशा रहती है, और यही मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।”
फिलहाल नीरज का पूरा ध्यान अपने शारीरिक और मानसिक पुनर्निर्माण (रिकवरी) पर है। उन्होंने कहा, “शरीर अब बेहतर महसूस कर रहा है। थोड़े आराम के बाद मैं अगले सत्र में और दमदार प्रदर्शन के लिए तैयार रहूंगा।”
नीरज का स्विट्जरलैंड से गहरा जुड़ाव है — यह सिर्फ उनका ट्रेनिंग बेस नहीं, बल्कि उनके करियर की यादगार उपलब्धियों की धरती भी है। यहीं उन्होंने 2022 में ज्यूरिख डायमंड लीग ट्रॉफी जीती थी। उसी साल उन्हें स्विस टूरिज्म का ‘फ्रेंडशिप एंबेसडर’ घोषित किया गया था और जुंगफ्राउजोच आइस पैलेस में सम्मानित किया गया था, जहां रोजर फेडरर और रोरी मैकलरॉय जैसे दिग्गजों को भी सम्मान मिल चुका है।
नीरज ने बताया, “स्विट्जरलैंड मेरे लिए सिर्फ ट्रेनिंग की जगह नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और सुकून देने वाला ठिकाना है। लुसाने की खूबसूरती और जेरमाट की वादियां मुझे हर बार नई ऊर्जा देती हैं।”
वे मानते हैं कि यूरोप में रहकर ट्रेनिंग करना उनके खेल के लिए बेहतर है, क्योंकि ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय इवेंट यहीं आयोजित होते हैं। “भारत में रहते हुए यात्रा और अभ्यास दोनों ही कठिन हो जाते हैं, जबकि यूरोप में सारी सुविधाएं एक ही जगह मिल जाती हैं,” उन्होंने कहा।
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