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गोवा के अरपोरा नाइट क्लब में भीषण आग: 25 की मौत, अवैध निर्माण और सुरक्षा लापरवाही ने बढ़ाई त्रासदी

गोवा: नॉर्थ गोवा का अरपोरा इलाका शनिवार देर रात तब दहल उठा, जब एक भीड़भाड़ वाले नाइट क्लब में अचानक आग भड़क उठी। कुछ ही मिनटों में यह आग भीषण रूप ले चुकी थी और देखते ही देखते 25 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल होकर अस्पताल में भर्ती हैं। यह हादसा उस समय हुआ जब क्लब में वीकेंड पार्टी नाइट चल रही थी और डांस फ्लोर पर 100 से 150 लोग मौजूद थे।

स्थानीय प्रशासन के अनुसार, मरने वालों में अधिकतर किचन कर्मचारी और पर्यटक शामिल हैं। इस भयावह दुर्घटना ने गोवा के पर्यटन क्षेत्र में सुरक्षा मानकों और नियामक निगरानी पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।

जांच में चौंकाने वाला खुलासा – क्लब के पास वैध अनुमति तक नहीं

हादसे की जांच करते हुए स्थानीय प्रशासन ने एक बड़ा खुलासा किया है। अरपोरा पंचायत के एक अधिकारी ने पुष्टि की है कि जिस नाइट क्लब में यह आग लगी, उसका निर्माण बिना किसी वैध अनुमति के किया गया था। इस जानकारी ने प्रशासनिक लापरवाही और पर्यटन क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की पोल खोल दी है। हजारों पर्यटक हर सप्ताह गोवा के इन क्लबों में घूमते हैं, लेकिन ऐसे मामलों से पता चलता है कि कई प्रतिष्ठान बिना अनुमति के संचालित हो रहे हैं।

चश्मदीदों ने बताया—सिलेंडर ब्लास्ट के बाद मची अफरातफरी

पास के रेस्टोरेंट के सिक्योरिटी गार्ड संजय कुमार गुप्ता ने बताया कि रात 11 बजे से 12 बजे के बीच अचानक तेज धमाका हुआ। “हमने एक जोरदार ब्लास्ट सुना। बाद में पता चला कि सिलेंडर फटने से आग लगी थी।” हैदराबाद की फातिमा शेख, जो घटना के समय पास ही थीं, ने बताया: “लोग जान बचाने के लिए किचन की तरफ भागे लेकिन उन्हें नहीं पता था कि वह रास्ता बंद है। इसी वजह से कई लोग वहीं फंस गए।” यह बयान दर्दनाक सच सामने लाता है कि आग लगने के बाद स्पष्ट एग्जिट रूट नहीं होने की वजह से कई लोगों की जान गई।

पर्यटक बाल-बाल बचे – ‘कैब लेट होती तो हम भी वहीं होते’

दिल्ली के अविनाश नामक पर्यटक ने बताया कि वे क्लब में जाने ही वाले थे, लेकिन उनका कैब ड्राइवर कुछ मिनट लेट हो गया। उन्होंने कहा— “हम तो बस किस्मत वाले थे, वरना हम भी उसी हादसे में फंस जाते।”दिल्ली के ही निखनेश घटना के समय क्लब के आसपास पहुँचे थे। “जैसे ही हम हॉस्टल पहुंचे, हमने धुएं के गुबार उठते देखे। सोचकर ही डर लगता है कि हम भी वहां मौजूद हो सकते थे।”

डांस फ्लोर पर 150 लोग, किचन में हुई सबसे ज्यादा मौतें

आंखोंदेखी के अनुसार, हादसे के दौरान क्लब में बड़ी संख्या में लोग पार्टी कर रहे थे। घबराहट में लोग नीचे स्थित किचन एरिया की तरफ भागे, लेकिन वहां निकास का उचित प्रबंध न होने के कारण वे वहीं फंस गए।

अधिकारियों के अनुसार—ज्यादातर मृतक किचन कर्मचारी थे। कुछ पर्यटक भी आग और धुएं में फंसकर नहीं निकल पाए। तीन महिलाएं भी मृतकों में शामिल हैं। क्लब के अंदर सुरक्षा उपायों की भारी कमी साफ नजर आई—न इमरजेंसी एग्जिट, न फायर अलार्म, न फायर सेफ्टी सिस्टम।

संकरी गलियों ने बचाव कार्य को मुश्किल बना दिया

यह नाइट क्लब बैकवाटर के पास एक ऐसी जगह पर स्थित था जहाँ जाना मुश्किल था। फायर ब्रिगेड के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी - संकरी गलियां। क्लब तक कोई सीधी पहुँच न होना। इलाके में अतिक्रमण। फायर अधिकारियों ने बताया कि फायर टेंडर को 400 मीटर दूर खड़ा करना पड़ा, जिससे बचाव कार्य में काफी देरी हुई। नारियल के पत्तों से बनी अस्थायी सजावट ने आग को और तेजी से फैलाया, जिससे स्थिति और भी भयावह हो गई।

गोवा के पर्यटन क्षेत्र पर उठे सवाल

यह घटना गोवा के पर्यटन उद्योग पर एक बड़ा सवालिया निशान छोड़ गई है।

  • बिना अनुमति बनाए गए नाइट क्लब

  • सुरक्षा मानकों का पालन न होना

  • भीड़ नियंत्रण और एग्जिट रूट की कमी

  • फायर सेफ्टी उपकरणों का अभाव

इन सभी कारणों ने इस हादसे को और घातक बना दिया।

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